प्राधिकरण ने सुपर कॉरिडोर (Super Corridor) पर फिर लगाया शिविर, 12 एकड़ से अधिक जमीन और हासिल
इंदौर। प्राधिकरण की एक दर्जन योजना ऐसी हैं जहां पर लीज (Lease) पर आबंटित की गई सम्पत्तियों की पहली 20 सालाना लीज की अवधि समाप्त हो गई है, जिनका नवीनीकरण किया जा रहा है। अभी तक 900 प्रकरणों को निराकृत कर दिया गया है। वहीं 364 प्रकरणों में दस्तावेजों की पूर्ति, साइड रिपोर्ट और अन्य जानकारी मांगी गई है। वहीं सुपर कॉरिडोर (Super Corridor) पर कल फिर से शिविर भी लगाया गया, जिसमें 3 योजनाओं में शामिल निजी जमीन मालिकों से सीधी चर्चा की जा रही है।
फलस्वरूप 6 जमीन मालिकों ने शिविर में ही अपनी 12 एकड़ से अधिक जमीन देने का निर्णय लिया। बदले में उन्हें 16 विकसित भूखंड प्राधिकरण देगा। इंदौर विकास प्राधिकरण (Indore Development Authority) में जहां लीज शर्तों के उल्लंघन की ढेरों शिकायतें हैं, जिसके चलते नवीनीकरण में भी परेशानी आ रही है। ऐसी 12 पुरानी योजनाएं हैं, जिनमें 30 साल की लीज अवधि समाप्त हो गई है। इनमें से 1264 के लीज नवीनीकरण के आवेदन प्राधिकरण को प्राप्त हुए और पहले चरण में 579 प्रकरणों को निराकृत किया गया और दूसरे चरण में भी 321 प्रकरण निपट गए। इस प्रकार कुल 900 आबंटितों के लीज नवीनीकृत हो गई है, लेकिन 364 प्रकरण अभी बचे हैं, जिनमें दस्तावेजों की आवश्यक पूर्ति, साइड रिपोर्ट और आबंटन शर्तों के विपरित उपयोग के चलते निराकरण में परेशानी आ रही है। प्राधिकरण द्वारा होटल, पेट्रोल पम्प, स्कूल से लेकर अन्य व्यवसायियों को भूखंड दिए गए हैं, जिनमें चाय-किराना व्यापारियों से लेकर लोहा व्यापारियों ने भी लीज शर्तों का उल्लंघन किया है। वहीं योजना क्र. 54, 74, 78 सहित तमाम आवासीय भूखंडों पर अन्य व्यवसायिक गतिविधियां चल रही है, जिसके चलते लीज नवीनीकरण के प्रकरण अटके पड़े हैं। प्राधिकरण से सीईओ विवेक श्रोत्रिय ने बताया कि कल एक बार फिर सुपर कारिडोर पर समस्या निवारण शिविर भी लगाया गया। कारिडोर पर प्राधिकरण की योजना 151, 169-बी एवं 166 के जमीन मालिकों से सीधी चर्चा की जा रही है। सीईओ के साथ मुख्य नगर नियोजक, अधीक्षण यंत्री, सहायक यंत्री और अन्य कर्मचारी मौजूद रहे। 7 भू-धारकों को तो उनकी भूमि के एवज में पात्रता अनुसार क्षेत्रफल के भूखंडों का चिन्हांकन-पत्र शिविर में ही सौंप दिया। ये जमीन मालिक पिछले दिनों आयोजित शिविर में आए थे। वहीं कल के शिविर में भी 6 जमीन मालिकों ने भी सहमति दी और अपनी लगभग 12 एकड़ से अधिक जमीन प्राधिकरण के पक्ष में रजिस्ट्री करवाने का निर्णय लिया और बदले में प्राधिकरण इन्हें 16 भूखंड देगा, जिससे सुपर कॉरिडोर से जुड़े अंदर की 9 मार्गों की आंशिक बाधाएं दूर होंगी और दो गार्डनों के साथ दो पार्किंग भी बन सकेंगे।
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