नई दिल्ली। कोरोना संकट के बीच भारतीय रेलवे (Indian Railways) कई सीमाओं और नए नियम-शर्तों के साथ ट्रेनों का परिचालन (Trains Operation) कर रहा है. सीमित संख्या में यात्री ट्रेनों (Passenger Trains) के चलाए जाने से मालगाड़ियों (Goods Trains) के लिए ट्रैक खाली मिल रहा है. पहले के मुकाबले ज्यादा सामान एक से दूसरी जगह तक पहुंचाया जा रहा है. इससे बाजारों में सामान की उपलब्धता सुनिश्चित होने के साथ-साथ महंगाई (Inflation) को काबू करने में मदद मिल रही है. कारखानों को कच्चा माल और फैक्ट्रियों में तैयार सामान को बाजारों तक कम समय में पहुंचाना संभव हो पा रहा है. इसी का नतीजा है कि रेलवे ने जनवरी 2021 में रिकॉर्ड सामान की ढुलाई की.
फरवरी में भी रेलवे कर रहा जबरदस्त मालढुलाई : रेलवे के आंकड़ो के मुताबिक, जनवरी 2021 में रिकॉर्ड 119.79 मिलियन टन सामान की ढुलाई की गई. इससे पहले मार्च 2019 में रेलवे ने 119.74 मिलियन टन सामान की ढुलाई की थी. पिछले कुछ महीने के आंकड़ों को देखें तो रेलवे लगातार मालढुलाई के नए कीर्तिमान बना रहा है. रेलवे 1-8 फरवरी के बीच 30.54 मिलियन टन सामान को एक से दूसरे स्थान तक पहुंचा चुका है. इस 30.54 मिलियन टन में से 13.61 मिलियन टन कोयला, 4.15 मिलियन टन लौह अयस्क, 1.04 मिलियन टन अनाज, 1.03 मिलियन टन उर्वरक, 0.96 मिलियन टन खनिज तेल और 1.97 मिलियन टन सीमेंट है.
मालढुलाई में हिस्सेदारी बढ़ाने के लिए रणनीति : फ्रेट लोडिंग में अपना शेयर बढ़ाने के लिए भारतीय रेलवे कई आकर्षक छूट की पेशकश कर रहा है. भारतीय रेलवे अपने मौजूदा और पुराने ग्राहकों के लिए कई इंसेंटिव भी दे रहा है. लोहा व इस्पात, सीमेंट, पावर, कोयला, ऑटोमोबाइल और लॉजिस्टिक सर्विस प्रोवाइडर्स के साथ रेल मंत्रालय लगातार बैठकें कर रहा है. सही मायने में कोविड-19 महामारी के संकट को भारतीय रेलवे ने अवसर के रूप में बदलने के लिए बहुत मेहनत की है और काफी हद तक सफलता हासिल कर ली है.
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