इंदौर मास्टर प्लान की नियोजन एवं पर्यवेक्षण समिति की आज शाम बैठक… देंगे प्रजेंटेशन भी
इंदौर। मास्टर प्लान के लिए शासन द्वारा गठित नियोजन एवं पर्यवेक्षण समिति की आज साढ़े 4 बजे बैठक रखी गई है, जिसमें इंदौर के मास्टर प्लान-2021 में अभी तक हुए क्रियान्वयन और भविष्य में बनने वाले 2031 के प्लान को लेकर चर्चा की जाएगी। संभागायुक्त कार्यालय में होने वाली इस बैठक में अधिकारियों के अलावा जनप्रतिनिधियों को भी आमंत्रित किया गया है। बायपास की सर्विस लेन को फोर लेन करने, आवासीय क्षेत्रों में स्थित प्रदूषण फैलाने वाले उद्योगों को बाहर करने जैसे अन्य विषयों पर भी चर्चा होगी और नगर तथा ग्राम निवेश के अधिकारी प्रजेंटेशन के जरिए भी मास्टर प्लान के क्रियान्वयन सहित अन्य जानकारी देंगे।
पिछले दिनों मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान के समक्ष भी इंदौर की विकास योजना प्रस्तुत की गई थी, जिसमें मेट्रो से लेकर स्मार्ट सिटी, फ्लायओवर से लेकर अन्य प्रोजेक्टों का प्रजेंटेशन कलेक्टर ने दिया था। इंदौर का आगामी मास्टर प्लान 2031 या 35 के लिए बनाया जाएगा, उसकी तैयारी भी नगर तथा ग्राम निवेश ने शुरू कर दी है। पिछले दिनों आए दल ने सेटेलाइट इमेज हासिल कर ली और अब उसके आधार पर मैदानी सर्वे भी जल्द शुरू किया जाएगा। नगर तथा ग्राम निवेश के संयुक्त संचालक एसके मुद्गल के मुताबिक आवास एवं पर्यावरण मंत्रालय ने पिछले दिनों संभागायुक्त और कलेक्टर की अध्यक्षता में नियोजन एवं पर्यवेक्षण समिति संशोधित की है, जिसमें संभागीय मुख्यालयों के शहरों के लिए संभागायुक्त और जिला मुख्यालय एवं अन्य शहरों के लिए कलेक्टर अध्यक्ष समिति के बनाए गए हैं। वहीं सदस्यों में सांसद, विकास प्राधिकरण, अध्यक्ष, जिला पंचायत अध्यक्ष, महापौर से लेकर निवेश क्षेत्र में आने वाले विधानसभा के विधायक, नगर पालिका, नगर पंचायत के अध्यक्ष, मध्यप्रदेश गृह निर्माण मंडल के उपायुक्त व कार्यपालन यंत्री, संबंधित आयुक्त, निगम, सीईओ नगर पालिका, नगर पंचायत, लोक निर्माण विभाग के अधिक्षण यंत्री, कार्यपालन यंत्री, मध्यप्रदेश विद्युत मंडल के अधिकारी से लेकर संयुक्त संचालक, सहायक संचालक नगर तथा ग्राम निवेश सदस्य सचिव बनाए गए हैं। इस समिति की बैठक हर 6 माह में आयोजित की जाना जरूरी है। हालांकि कोरोना के चलते पूर्व में बैठक नहीं हो पाई थी। पिछले दिनों इंदौर कलेक्टर मनीष सिंह ने बायपास पर लगातार हो रहे जाम, खासकर बोगदों की समस्या और दोनों तरफ सर्विस लेन पर बढ़ते यातायात के दबाव के चलते मौजूदा टू लेन की सर्विस लेन को फोर लेन में परिवर्तित करने के संबंध में भी शासन को पत्र लिखा है। दरअसल बायपास के दोनों तरफ 45-45 मीटर का कंट्रोल एरिया है, जिसमें किसी तरह के निर्माण की अनुमति नहीं है। वहीं नान अटेन्मेंट सिटी में इंदौर को भी शामिल किया है, जिसके चलते आवासीय क्षेत्रों में प्रदूषण फैलाने वाले उद्योगों को अन्य जगह शिफ्ट करवाया जाना है।
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