नई दिल्ली । नए कृषि कानूनों (Farm laws) को लेकर किसानों का आंदोलन (Farmers movement) बीते ढाई महीने से जारी है. इस आंदोलन में अब तक 100 से ज्यादा किसान अपनी जान गंवा चुका है. आंदोलन की आड़ में दिल्ली में हिंसा तक हो गई, लेकिन किसान अपनी मांग पर आज भी अड़े हुए हैं. उन्हें नए कृषि कानूनों की वापसी से कम कुछ भी मंजूर नहीं है.
वहीं, सरकार के साथ कई दौर की बातचीत के बाद सहमति नहीं बन पाई तो अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narender Modi) ने साफ संकेत दे दिया है कि नए कानून वापस नहीं होंगे. राज्यसभा में अपने संबोधन के दौरान पीएम ने कानून में संशोधन की ही बातों पर सिर्फ जोर दिया. ऐसे में अब गेंद किसानों के पाले में है. क्या वो आंदोलन जारी रखेंगे या बैकफुट पर आएंगे, इन सवालों के जवाब का अब इंतजार है. वहीं, विपक्ष की भूमिका कैसी होगी, ये भी देखना होगा.
कृषि कानूनों को लेकर मचे घमासान के बीच सोमवार को राज्यसभा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किसानों से आंदोलन खत्म करने की अपील की. प्रधानमंत्री ने कहा कि MSP था, MSP है और MSP रहेगा, किसानों को आंदोलन खत्म करना चाहिए. सदन में सिर्फ आंदोलन की बात हुई है, कानून में सुधारों को लेकर चर्चा नहीं की गई. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि लाल बहादुर शास्त्री जी को जब कृषि सुधारों को करना पड़ा, तब भी उन्हें मुश्किलों का सामना करना पड़ा था. लेकिन वो पीछे नहीं हटे थे. तब लेफ्ट वाले कांग्रेस को अमेरिका का एजेंट बताते थे, आज मुझे ही वो गाली दे रहे हैं. पीएम ने कहा कि कोई भी कानून आया हो, कुछ वक्त के बाद सुधार होते ही हैं. बुजुर्ग आंदोलन में बैठे हैं, उन्हें घर जाना चाहिए. आंदोलन खत्म करें और चर्चा आगे चलती रहे.
प्रधानमंत्री मोदी ने अपील करते हुए कहा कि आंदोलनकारियों को समझाते हुए हमें आगे बढ़ना होगा, गालियों को मेरे खाते में जाने दो, लेकिन सुधारों को होने दो. किसानों के साथ लगातार बात की जा रही है. पीएम मोदी ने किसानों को भरोसा दिलाया कि MSP है, था और रहेगा. मंडियों को मजबूत किया जा रहा है. जिन 80 करोड़ लोगों को सस्तों में राशन दिया जाता है, वो भी जारी रहेगा.
श्री मोदी ने इस दौरान यह भी कहा कि पूर्व केंद्रीय मंत्री शरद पवार समेत कई कांग्रेस के नेताओं ने भी कृषि सुधारों की बात की है. शरद पवार ने अभी भी सुधारों का विरोध नहीं किया, हमें जो अच्छा लगा वो किया आगे भी सुधार करते रहेंगे. पीएम मोदी ने कहा कि आज विपक्ष यू-टर्न कर रहा है, क्योंकि राजनीति हावी है. वहीं, उन्होंने सदन में पूर्व पीएम मनमोहन सिंह का कथन पढ़ा, ‘हमारी सोच है कि बड़ी मार्केट को लाने में जो अड़चनें हैं, हमारी कोशिश है कि किसान को उपज बेचने की इजाजत हो’. पीएम मोदी ने कहा कि जो मनमोहन सिंह ने कहा वो मोदी को करना पड़ रहा है, आप गर्व कीजिए. पीएम मोदी ने कहा कि दूध का काम करने वाले, पशुपालन वाले, सफल का काम करने वालों के पास खुली छूट है. लेकिन किसानों को ये छूट नहीं है.
इस तरह पीएम मोदी ने अपने संबोधन में कानूनों में सुधार की ही बातों पर जोर दिया, लेकिन कानून वापसी के कहीं से कोई भी संकेत नहीं दिए. ऐसे में किसानों की कानून वापसी की मांग और सरकार का बैकफुट पर ना आना, आगे क्या रूप लेगा ये देखना अभी बाकी है.
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