नई दिल्ली। उत्तराखंड के तपोवन के पास रविवार को हुए हिमस्खलन ने राज्य में भारी तबाही के साथ सैकड़ों लोगों की जान खतरे में डाली, वहीं इसी बीच सरकारी टेलीकॉम कंपनी भारत संचार निगम लिमिटेड (BSNL) ने कुछ लोगों की जान बचाने का भी काम किया। दूरंसचार मंत्री रविशंकर प्रसाद ने सोमवार को ट्विट कर बीएसएनएल की तारीफ की है। उन्होंने एक अखबार की कटिंग को शेयर किया है, जिसमें टनल में फंसे राके ने बताया कि उसकी जान बीएसएनएल ने बचाई है।
बीएसएनएल की मोबाइल सेवा ने चमोली आपदा के दौरान टनल में फंसे मजदूरों को मौत के मुंह से बाहर निकालने में बड़ी भूमिका निभाई। अचानक हुए हिमस्खलन के बाद आई बाढ़ से एनटीपीसी के विद्युत संयंत्र परियोजना पर काम कर रहे मजदूर टनल के अंदर फंस गए। टनल के अंदर बीएसएनएल का थोड़ा नेटवर्क आने की वजह से वहां फंसे मजदूरों ने अपने ठेकेदार और अन्य अधिकारियों को अपने फंसे होने की सूचना दी। आईटीबीपी और राहत दल ने तपोपन-बिष्णुगढ़ परियोजना की टनल में फंसे 12 मजदूरों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया।
टनल में फंसे इन मजदूरों में नृसिंह मंदिर जोशीमठ निवासी राकेश भट्ट भी शामिल थे। राकेश ने बताया कि वे परियोजना स्थल पर काम करने वाली कंपनी रित्विक में ऑपरेटर हैं। रविवार की सुबह ड्यूटी टाइम पर वह भी अन्य मजदूरों के साथ टनल के अंदर काम करने गए थे। वह मलबे को बाहर खींचने वाले लोडर पर काम रहे थे तभी अचानक टनल के अंदर मलबे के साथ पानी भर गया। मिनटमों में ही पानी का प्रवाह तेज होने पर वहां अफरातफरी मच गई।
राकेश ने बताया कि हालात काफी भयावह होने से उनका मनोबल टूटने लगा था। इस दौरान राकेश व अन्य सभी मजदूरों ने अपने घरवालों व अन्य लोगों को सूचना देने के लिए मोबाइल निकाला लेकिन किसी के भी मोबाइल में नेटवर्क नहीं आ रहा था। केवल एक मोबाइल में थोड़ा नेटवर्क था, जिसमें बीएसएनएल की सिम पड़ी थी। बीएसएनएल के टॉवर बार-बार आ जा रहे थे लेकिन जैसे ही राकेश का फोन लगा उन्होंने तुरंत अपने उच्च अधिकारियों को टनल में फंसे होने की सूचना दी। अधिकारियों की सूचना के बाद आईटीबीपी और राहत दल ने बचाव अभियान चलाकर टनल में फंसे 12 मजदूरों को सकुशल बाहर निकाल लिया।
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