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    पशुओं की खरीदी से शुरू हुए ग्वालियर मेले ने विश्व प्रसिद्ध व्यावसायिक मेले की पहचान बनाई

    February 08, 2021

    भोपाल। ग्वालियर का व्यापार मेला 105 साल पहले सिंधिया रियासत ने शुरू किया था। शुरूआत में ग्वालियर मेले में पशुओं की खरीदी होती थी। तब उस क्षेत्र के लोग पशुओं को बेचने और खरीदने के लिए ग्वालियर मेले में आया करते थे। सिंधिया रियासत द्वारा मेले का आयोजन किया जाता था। कालांतर में ग्वालियर मेले में व्यावसाय शुरू हो गया। पूर्व केंद्रीय मंत्री माधवराव सिंह सिंधिया ने ग्वालियर मेले को विश्व प्रसिद्ध व्यावसायिक मेले के रूप में पहचान दिलाई थी। 2003 तक मेले में वाहनों को टैक्स में छूट मिलती रही। इसके बाद सरकार ने टैक्स में छूट बंद कर दी थी। इसके बाद मेला अपना अस्तित्व खोने लगा। अब ज्योतिरादित्य सिंधिया ने भाजपा में शामिल होने के बाद फिर से ग्वालियर मेले में वाहनों पर टैक्स में छूट दिलाई है। इस बार मेले का कारोबार 100 करोड़ से बढ़कर 800 करोड़ होने की संभावना है। वाहन निर्माता कंपनियों ने मेले में अपने-अपने शोरू में बनाए हैं।

    मेले में खरीदे गए वाहनों के पंजीयन शुल्क पर मिलेगी छूट: शिवराज
    मुख्यमंत्री ने कहा कि मेला 15 फरवरी 2021 से प्रारंभ होगा। मेले में खरीदे गए वाहनों के पंजीयन शुल्क पर छूट मिलेगी। ग्वालियर का व्यापार मेला सन् 1905 से अद्भुत पहचान लिए हुए है। इस मेले की शुरूआत कैलाशवासी माधवराव सिंधिया प्रथम ने की थी। मेले की पहचान को आगे भी बनाये रखने के लिये सभी के सहयोग से विचार-विमर्श कर आयोजन को भव्यता प्रदान की जायेगी। मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि आत्म-निर्भर भारत, आत्म-निर्भर मध्यप्रदेश के साथ आत्म-निर्भर ग्वालियर के रोडमैप पर कार्य किया जायेगा। उन्होंने कहा कि ग्वालियर में उद्योग एवं व्यापार को लगातार बढ़ाने के लिये मेला प्रांगण का उपयोग किया जा सके, इसकी योजना बनाने के लिये जिला प्रशासन को निर्देश दिये हैं।

    मेले का लगातार आयोजन हो: तोमर
    केन्द्रीय मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने कहा कि इतिहास साक्षी है कि समाज में मेलों की कल्पना एवं विस्तार की जब बात होती है, तब सबसे पहले ग्वालियर के प्राचीन एवं ऐतिहासिक मेले का नाम लिया जाता है। उन्होंने कहा कि ग्वालियर का ऐतिहासिक एवं प्राचीन मेला अपने नियत समय पर आयोजित होता था, लेकिन विश्व-व्यापी महामारी कोविड-19 के कारण इस वर्ष मेले के आयोजन में विलंब हुआ है। उन्होंने कहा कि ग्वालियर मेले के लगने का वर्ष भर बेसर्बी से लोग इंतजार करते हैं। मेले के आयोजन से जहाँ लोगों का धंधा, व्यवसाय बढ़ता है। वहीं जरूरतमंदों को वर्ष भर के लिये रोजगार भी प्राप्त होता है। तोमर ने कहा कि ग्वालियर व्यापार मेले के पास पर्याप्त अधोसंरचना होने से मेले का विस्तार कर वर्ष के 8 माहों तक मेले का आयोजन किया जा सकता है।

    सिंधिया परिवार ने की प्राचीन मेले की शुरूआत: सिंधिया
    राज्यसभा सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा कि यह ग्वालियर के लिये नहीं बल्कि पूरे मध्यप्रदेश के लिये ऐतिहासिक क्षण है कि 100 वर्षों से अधिक समय से लग रहे इस ऐतिहासिक एवं प्राचीन मेले की शुरूआत सिंधिया परिवार के पूर्वजों द्वारा की गई थी। उन्होंने कहा कि यह मेला एक पशु मेले के रूप में शुरू किया गया था, जिसका धीरे-धीरे विस्तार कर उनके पूज्य पिताजी स्व. माधवराव सिंधिया ने व्यापार मेले के रूप में पहचान दिलाई। मेले की पूरे देश में एक अपनी छवि एवं पहचान रही है।

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