नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने ट्विटर से किसानों के विरोध प्रदर्शनों के बारे में गलत सूचना और भड़काऊ सामग्री फैलाने वाले 1178 पाकिस्तानी-खालिस्तानी अकाउंट को हटाने के लिए कहा है। ट्विटर ने अभी तक पूरी तरह से आदेशों का पालन नहीं किया है। यह जानकारी सूत्रों द्वारा दी गई है। सरकार ने यह कदम ऐसे समय पर उठाया है जब कुछ दिनों पहले ही सरकार ने उसे 250 अकाउंट को ब्लॉक करने के लिए कहा था। इन अकाउंट के जरिए गलत सूचना फैलाने के साथ ही ‘किसान नरसंहार’ जैसे हैशटैग का इस्तेमाल किया गया था। ट्विटर को ताजा नोटिस पिछले हफ्ते गुरुवार को दिया गया था।
Government tells Twitter to remove 1178 Pakistani-Khalistani accounts spreading misinformation and provocative content around farmers’ protests. Twitter yet to completely comply with orders: Sources pic.twitter.com/YGZLnjxbv3
— ANI (@ANI) February 8, 2021
गृह मंत्रालय की एक रिपोर्ट के बाद आईटी मंत्रालय द्वारा यह मांग की गई है। नई सूची में खालिस्तान के प्रति सहानुभूति रखने वाले और पाकिस्तान लिंक वाले अकाउंट शामिल हैं। कुछ स्वचालित चैटबॉट हैं जिनका उपयोग किसानों के विरोध प्रदर्शन के दौरान गलत सूचना को बढ़ावा देने के लिए किया जा रहा है। इन अकाउंट को ब्लॉक करने का निर्देश इस आधार पर दिया गया है कि वे देश में चल रहे किसानों के विरोध के बीच लोगों के लिए खतरा बन सकते हैं। माइक्रोब्लॉगिंग साइट ‘किसानों के विरोध’ पर गलत सूचना फैलाने वालों के खिलाफ कार्रवाई न करके ‘भारतीय कानून का उल्लंघन’ करने के लिए आईटी मंत्रालय के रडार पर है।
हाल ही में आईटी मंत्रालय ने ट्विटर को लगभग 250 ट्विटर अकाउंट ब्लॉक करने का निर्देश दिया था, जो गलत सूचना फैला रहे थे और आपत्तिजनक हैशटैग का इस्तेमाल कर रहे थे। एक दिन के लिए इन अकाउंट को ब्लॉक करने के बाद, ट्विटर ने उन्हें यह कहते हुए अनब्लॉक कर दिया कि वे ‘भड़काऊ भाषा’ का इस्तेमाल नहीं कर रहे हैं। तब केंद्र ने कहा था कि ट्विटर ‘सरकार के निर्देशों’ का पालन करने के लिए बाध्य है और ऐसा करने से इनकार करने पर उसके खिलाफ अधिनियम की धारा 69 ए के तहत ‘दंडात्मक कार्रवाई’ की जा सकती है। इसी बीच ट्विटर इंडिया की सार्वजनिक नीति प्रमुख महिमा कौल ने व्यक्तिगत कारणों का हवाला देते हुए अपने पद से इस्तीफा दे दिया है।
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