नई दिल्ली । आईफाेन (iPhone) का नाम सुनते ही किस बात का ध्यान आता है. यह सवाल पूरी दुनिया में किसी से भी पूछेंगे ताे जवाब वहीं मिलेगा जो आप साेच रहे हैं यानी की एप्पल (Apple). संभवतः सभी यही मानते हैं कि आईफोन के नाम से दुनिया काे फोन देने वाली कंपनी आईफाेन ही है. पर शायद आज आपकाे यह जानकारी हैरानी हाेगी कि ऐसा नहीं है. एप्पल वाे कंपनी नहीं है जिसने दुनिया में आईफाेन के नाम फाेन लॉच किया. बल्कि एक दूसरी कंपनी है जिसने यह काम स्टीव जॉब्स (Steve Jobs) के एप्पल के पहले आईफाेन काे लॉन्च करने के नाै साल पहले यानि 1998 में ही कर दिया था वाे भी आईफाेन के नाम से ही. चलिए आज जानते हैं आईफाेन के नाम से एप्पल के फाेन काे पूरी दुनिया में पहचान दिलाने वाली उस कंपनी के बारे में जिसकी कहानी शायद कही खाे गई थी.
InfoGear ने किया था Iphone लांच
iPhone नाम से दुनिया का पहला फाेन वर्ष 1998 में कैलिफोर्निया स्थित एक कंपनी इंफाेगियर (InfoGear) ने लॉन्च किया था. इसे ‘इंटरनेट टचस्क्रीन टेलीफोन’ के रूप में लाया गया था. जाहिर है, यह कोई स्मार्टफोन नहीं था, कम से कम आज जिस तरह से हम स्मार्टफोन का अनुभव करते हैं. InfoGear iPhone एक डेस्कटॉप टेलिफोन था. InfoGear iPhone को तीन मुख्य चीजें (फोन कॉल, ईमेल और लाइट वेब ब्राउजिंग) करने के लिए डिजाइन किया गया था. इसमें एक स्लाइड-आउट QWERTY की बोर्ड, वेब और ईमेल का उपयोग करने की सुविधा 2 MB रैम के साथ माैजूद थी. डिवाइस को 500 डॉलर से थाेड़ी कम कीमत में मार्केट में बेचा गया लेकिन इसमें इंटरनेट एक्सेस करने के लिए आपकाे अलग से शुल्क का भुगतान करना हाेता है जिसमें 9.95 डॉलर प्रति माह था असीमित ब्राउजिंग के लिए अनलिमिटेड प्लान भी थे जाे 19.95 डॉलर से शुरू हाेते थे.
सिस्को ने खरीदा इंफाेगीयर काे
InfoGear iPhone उस दाैर के समय से आगे का फाेन था, जिसे उतनी लाेकप्रियता नहीं मिली. यही वजह है कि 1999 में पेश किए गए एक नए डिजाइन के बाद InfoGear ने iPhones बनाना बंद कर दिया. 2000 के दशक की शुरुआत में कंपनी को सिस्को सिस्टम्स (वर्तमान में दुनिया की सबसे बड़ी नेटवर्किंग कंपनी) द्वारा खरीदा गया था. 2006 से सिस्को ने एक वीओआईपी टेलीफोन के लिए नाम का इस्तेमाल किया, जिसे लिंक्स आईफोन कहा जाता है.
यहां से शुरू हुई दिलचस्प कहानी
2007 की शुरुआत में स्टीव जॉब्स ने ऐप्पल (Apple) के पहले आईफोन की घोषणा करने के लिए उस साल के मैकवर्ल्ड सम्मेलन में मंच संभाला और सिस्को को ट्रेडमार्क उल्लंघन के लिए क्यूपर्टिनो कंपनी पर मुकदमा चलाने की जल्दी थी. हालांकि Apple iPhone के बाजार में आने (जून 2007) से पहले विवाद सुलझ गया था. हालांकि उन्होंने इस सौदे पर वित्तीय विवरण का खुलासा नहीं किया. दिलचस्प रूप से Apple और सिस्को सहमत थे कि वे दोनों को iPhone नाम का उपयोग करने का अधिकार होगा. हालांकि, हमने तब से किसी भी सिस्को iPhones को नहीं देखा है और शायद भविष्य में भी नहीं देखेंगे.
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