दुबई । तेहरान वर्ष 2015 के परमाणु समझौते का अनुपालन करेगा, लेकिन यह तभी संभव है जब वाशिंगटन इस्लामिक रिपब्लिक (Islamic republic) देश से प्रतिबंध हटाए। यह बात ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई (Ayatollah Ali Khamenei) ने कही है । बता दें कि अमेरिका ने पांच अन्य महाशक्तियों के साथ मिलकर ईरान के साथ 14 जुलाई, 2015 को परमाणु समझौता किया था। संयुक्त व्यापक कार्रवाई योजना (JCPOA) को ही ‘परमाणु डील’ के नाम से जाना जाता है।
समझौते के तहत परमाणु हथियारों को विकसित करने के लिए ईरान की यूरेनियम संवर्धन सुविधाओं पर तमाम तरह की पाबंदियां लगा दी गई थीं। वर्ष 2018 में समझौते को ईरान के लिए लाभदायक बताते हुए अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप इससे बाहर आ गए। उन्होंने ईरान पर नए प्रतिबंध लगा दिए, जिससे उसकी अर्थव्यवस्था बुरी तरह प्रभावित हुई।
एयरफोर्स कमांडरों के साथ बैठक के बाद सरकारी टीवी ने खामेनेई के हवाले से कहा, ‘ईरान ने समझौते के तहत अपने सभी दायित्वों को पूरा किया है। अगर वह चाहते हैं कि हम समझौते में वापस लौटें तो अमेरिका को सभी तरह के प्रतिबंध हटाने होंगे। जब हमें पूरी तरह यकीन हो जाएगा कि प्रतिबंधों को सही तरह से हटा लिया गया है तो हम इसमें फिर से शामिल हो जाएंगे। यह अंतिम और अपरिवर्तनीय निर्णय है और सभी ईरानी अधिकारियों ने इस पर सहमति व्यक्त की है।’
गौरतलब है कि पिछले महीने अमेरिकी राष्ट्रपति का पदभार संभालने वाले जो बाइडन ने कहा था कि अगर तेहरान समझौते का कड़ाई से अनुपालन करता है तो वाशिंगटन भी सकारात्मक रवैया अपनाएगा।
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