नयी दिल्ली। नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत सभी को समावेशी एवं गुणवत्तापरक शिक्षा उपलब्ध कराने के उद्देश्य से शिक्षा मंत्रालय ने देश के 383 रिहायशी स्कूलों एवं 680 हॉस्टलों का नाम बदल कर नेताजी सुभाष चंद्र बोस आवासीय स्कूल रखने का निर्णय लिया है।
मंत्रालय के इस निर्णय पर केंद्रीय शिक्षा मंत्री डॉ़ रमेश पोखरियाल ‘निशंक’ ने कहा, “शिक्षा मंत्रालय ने कम आबादी वाले खासकर आदिवासी क्षेत्रों में जहाँ स्कूल खोलना मुश्किल है और उन शहरी बच्चों, जिन्हें देखभाल की विशेष आवश्यकता है, के लिए समग्र शिक्षा योजना के तहत राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों को आर्थिक सहायता प्रदान की है ताकि वे रिहायशी स्कूल एवं हॉस्टल खोल सकें। हमने नेताजी सुभाष चंद्र बोस जी के प्रति सम्मान व्यक्त करते हुए यह निर्णय लिया है कि इन रिहायशी स्कूलों एवं हॉस्टलों का नाम नेताजी सुभाष चंद्र बोस आवासीय स्कूल रखा जाएगा।”
उन्होंने कहा कि देश भर में कुल 383 स्कूल एवं 680 हॉस्टलों का नाम बदला जाएगा। इसके अलावा यह सभी संस्थान कस्तूरबा गाँधी बालिका विद्यालयों के लिए बनाए गए नियमों का पालन करेंगे और उन जैसी गुणवत्ता प्राप्त करने के लिए प्रयास करेंगे।
डॉ निशंक ने कहा, “नेताजी का नाम ना सिर्फ छात्रों बल्कि शिक्षकों, अन्य स्टाफ के सदस्यों को और स्कूलों के प्रशासन को गुणवत्ता प्राप्त करने के लिए प्रेरित करेगा।”
इन सभी स्कूलों में नियमित पाठ्यक्रम के अलावा विशिष्ट कौशल प्रशिक्षण, सेल्फ-डिफेन्स, इत्यादि का प्रशिक्षण दिया जाएगा।
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