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सरकार से Gold खरीदने का मौका 5 फरवरी तक, कीमत रखी इतनी कम…

February 04, 2021


नई दिल्‍ली । शेयर बाजार में तेजी की वजह से सोने की कीमतों में गिरावट देखी जा रही है. सोना अपने उच्चतम स्तर से 7000 रुपये से ज्यादा सस्ता हो चुका है. ऐसे में अगर आप सस्ता सोना (Gold) खरीदना चाहते हैं तो 5 फरवरी तक केंद्र सरकार की सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड स्कीम में निवेश कर सकते हैं. फिलहाल भारतीय बाजार सोना 50 हजार रुपये के नीचे बना हुआ है.



11वीं सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड सीरीज
चालू वित्त वर्ष की 11वीं सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड सीरीज 1 फरवरी से 5 फरवरी तक निवेशकों के लिए ओपन है. भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने इस बार गोल्ड सब्सक्रिप्शन की कीमत 4,912 रुपये प्रति ग्राम तय की है. इससे पहले जनवरी में 10वीं सीरीज में सोने की कीमत 5,104 रुपये प्रति ग्राम तय की गई थी. 

डिजिटल भुगतान करने पर 50 रुपये का छूट
हर बार की तरह इस बार भी ऑनलाइन आवेदन करने वाले निवेशकों को बॉन्ड की तय कीमत पर प्रति ग्राम 50 रुपये की छूट दी जाएगी. यानी डिजिटल भुगतान करने पर एक ग्राम सोने के लिए 4862 रुपये पेमेंट करना होगा.

सरकारी गोल्‍ड बॉन्ड की कीमत बाजार में चल रहे सोने की रेट से कम
बता दें, इस सरकारी गोल्‍ड बॉन्ड की कीमत बाजार में चल रहे सोने की रेट से कम होती है. सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड योजना में गोल्‍ड की कीमत रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया की ओर से तय की जाती है. बॉन्ड के तौर पर आप सोने में न्यूनतम एक ग्राम और अधिकतम चार किलो तक निवेश कर सकते हैं. इसपर टैक्‍स भी छूट मिलती है. इसके अलावा स्‍कीम के जरिए बैंक से लोन भी लिया जा सकता है.

सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड के फायदे
Sovereign gold bond पर सालाना कम से कम ढाई फीसदी का रिटर्न मिलेगा. गोल्ड बॉन्ड में किसी तरह की धोखाधड़ी और अशुद्धता की संभावना नहीं होती है. ये बॉन्ड्स 8 साल के बाद मैच्योर होंगे. मतलब साफ है कि 8 साल के बाद भुनाकर इससे पैसा निकाला जा सकता है. यहीं नहीं, पांच साल के बाद इससे बाहर निकलने का विकल्प भी होता है. 

कितना खरीद सकते हैं सोना
आरबीआई भारत सरकार की तरफ से सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड जारी करता है. इस बॉन्ड में निवेश एक ग्राम के गुणकों में किया जाता है, जिसकी अधिकतम सीमा एक व्यक्ति के लिए एक साल में 500 ग्राम है. वहीं हिन्दू संयुक्त परिवार एक साल के दौरान अधिकतम 4 किलोग्राम सोने की कीमत के बराबर तक का बॉन्ड खरीद सकते हैं. ट्रस्ट और वित्तीय वर्ष के समान इकाइयों के मामले में निवेश की ऊपरी सीमा 20 किलोग्राम है.

कहां से खरीदें सोना
जैसे ही सोने की कीमतों में इजाफा होता है, वैसे ही गोल्ड बॉन्ड निवेशकों को इसका फायदा मिलता है. ये बॉन्‍ड पेपर और इलेक्‍ट्रॉनिक फॉर्मेट में होते हैं. जिससे आपको फिजिकल गोल्‍ड की तरह लॉकर में रखने का खर्च भी नहीं उठाना पड़ता. इस गोल्‍ड की बिक्री बैंकों, डाकघरों, एनएसई और बीएसई के अलावा स्टॉक होल्डिंग कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड के जरिए होती है.

2015 में सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड की शुरुआत
गौरतलब है कि इस योजना की शुरुआत नवंबर 2015 में हुई थी. इसका मकसद भौतिक रूप से सोने की मांग में कमी लाना और सोने की खरीद में घरेलू बचत का इस्तेमाल वित्तीय बचत में करना है.

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