लखनऊ । लखनऊ पुलिस (Lucknow Police) ने दो ऐसे शातिर लोगों को गिरफ्तार किया है, जो उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नाम से फर्जी दस्तावेज बनाकर लोगों से ठगी करते थे. आरोपियों ने लखनऊ में एक शख्स के साथ 65 लाख रुपये की ठगी की है. पुलिस इस मामले की जांच कर रही थी. इसी दौरान दोनों आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है.
पुलिस से मिली जानकारी के मुताबिक पीड़ित अजय यादव ने गोमती नगर के चिनहट थाने में एक एफआईआर दर्ज करवाई थी. अजय ने पुलिस को बताया था कि अब्दुल खालिक और फ़क़ीलजमा नाम के दो व्यक्ति अपने आप को खाद एवं रसद विभाग का सचिव बता रहे थे. उन दोनों ने राशन कार्ड में डाटा एंट्री करवाने के नाम पर टेंडर दिलाने का वादा किया था. इसकी एवज में उन दोनों ने पीड़ित से 65 लाख रुपये लिए थे.
लखनऊ पूर्वी जोन के एडीसीपी सैयद कासिम आब्दी ने बताया कि पुलिस ने पीड़ित की शिकायत पर मुकदमा दर्ज किया और दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है. अजय यादव ने उनके साथ 65 लाख रुपये का धोखाधड़ी का मामला दर्ज कराया था. यह धोखाधड़ी टेंडर दिलाने के नाम पर की गई थी. जिसमें 2 लोग शामिल हैं. पुलिस उनकी तलाश कर रही थी.
एडीसीपी के मुताबिक उन दोनों के पकड़े जाने पर पता चला कि वे दोनों सीएम के नाम पर भी ठगी करते थे. उनके पास मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नाम से छपे फर्जी दस्तावेज और पम्फलेट बरामद हुए हैं. इसी के आधार पर दोनों आरोपी लोगों को विश्वास में लेते थे और फिर उनसे मोटी रकम वसूलते थे. आरोपी कई लोगों से ठगी कर चुके हैं. अब उन दोनों से पूछताछ जारी है. एडीसीपी सैयद कासिम आब्दी के मुताबिक आरोपियों के पास से फर्जी मोहर, सीएम का फर्जी पत्र और एक लैपटॉप बरामद किया गया है. पूछताछ में जो भी नाम सामने आएंगे, उन पर भी एक्शन लिया जाएगा. ठगी करना इन दोनों का रुटीन काम था.
बताते चलें कि उत्तर प्रदेश के कौशल विकास राज्यमंत्री कपिलदेव अग्रवाल के भाई ललित अग्रवाल के खिलाफ धोखाधड़ी और फर्जीवाड़े के आरोप में हजरतगंज थाने में मुकदमा दर्ज हुआ था. इस मामले में 5 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है. आरोप है कि मंत्री के भाई ललित ने यूपी में पीएम नरेंद्र मोदी और सीएम योगी आदित्यनाथ की तस्वीरों और नामवाले होर्डिंग लगाए गए थे, जिसमें स्वदेशी ब्रान्ड के फोन की लॉन्चिंग दिखाई गई थी. होर्डिंग्स पर फोटो और फोन को इस तरह दर्शाया गया था कि ये फोन सरकार की योजना है और पूरी तरह से स्वदेशी है. अभी तक मंत्री का आरोपी भाई गिरफ्तार नहीं हुआ है.
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