नई दिल्ली। पूर्व केंद्रीय मंत्री और कांग्रेस सांसद शशि थरूर और कई पत्रकारों पर दिल्ली के आईपी एस्टेट पुलिस स्टेशन में देशद्रोह का मुकदमा दर्ज किया गया है। इस सभी पर गणतंत्र दिवस पर किसानों की ट्रैक्टर परेड से जुड़ी गलत जानकारी सोशल मीडिया पर साझा करने का आरोप है। इस मामले में कांग्रेस नेता शशि थरूर के खिलाफ दायर देशद्रोह के मुकदमे की आलोचना हो रही है। उनका कहना है कि गलत के विरुद्ध आवाज उठाने से रोकने के लिए देश के कानून को हथियार बनाया जा रहा है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता आनंद शर्मा ने कहा है कि शशि थरूर व पत्रकारों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करना निंदनीय है। राजनीतिक विरोधियों और पत्रकारों को डराने-धमका कर चुप कराने के लिए देश के कानून को हथियार बनाया जा रहा है। सरकार की इस कोशिश का मकसद अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के अधिकार का हनन करना है।
कांग्रेस के राज्यसभा सांसद विवेक तंखा ने कहा कि कई भाजपा शासित राज्यों में पूर्व केंद्रीय मंत्री शशि थरूर, वरिष्ठ पत्रकार राजदीप सरदेसाई, मृणाल पांडे और अन्य पर राजद्रोह और नफरत फैलाने के लिए एफआईआर दर्ज किया जाना, खुद में साजिश को दर्शाती है।
राजस्थान के पूर्व उप-मुख्यमंत्री सचिन पायलट ने भी थरूर पर देशद्रोह का मामला दर्ज किए जाने कि निंदा की है। उन्होंने कहा है कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि पत्रकारों और कांग्रेस नेता शशि थरूर के खिलाफ राजद्रोह के आरोप और एफआईआर दर्ज किए गए हैं। यह बोलने की स्वतंत्रता को रोकने और किसी को भी मौजूदा विवाद के खिलाफ बोलने से डराने का एक स्पष्ट प्रयास है।
उल्लेखनीय है कि बीते 26 जनवरी को किसानों ने ट्रैक्टर परेड निकला था। इस दौरान दिल्ली में हिंसा भी हुई थी तथा कुछ उपद्रवी लाल किला में प्रवेश कर गये और वहां निशान व किसान संगठनों के झंडे को फहराया था। इसी मामले में सोशल मीडिया पर गलत जानकारी साझा करने को लेकर पुलिस कांग्रेस नेता शशि थरूर और अन्य पत्रकारों के खिलाफ केस दर्ज किया है। दिल्ली पुलिस के अनुसार, इन पर देशद्रोह समेत आपराधिक षड्यंत्र और शत्रुता को बढ़ावा देने सहित आईपीसी के तहत कई आरोप लगाए गए हैं। इसी बात को लेकर कांग्रेस ने भाजपा पर हमला बोला है।