भोपाल। मध्यप्रदेश में अशासकीय संस्थाओं (एनजीओ) को विधायक अब निर्वाचन क्षेत्र विकास योजना के तहत निधि दे सकेंगे। भाजपा के विधायकों की मांग के बाद शिवराज सरकार ने विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र विकास योजना के प्रविधान में संशोधन कर दिया है। इसके तहत स्कूल भवन, अतिरिक्त कक्ष निर्माण, फर्नीचर, वाचनालय, नलकूप, पानी की टंकी, पाइप लाइन, आंतरिक सड़कों के डामरीकरण, सीमेंट कांक्रीट, चिकित्सालय भवन की मरम्मत सहित अन्य सार्वजनिक कामों के लिए राशि दी जा सकेगी। इसके लिए जिला स्तर पर संस्था के साथ करार होगा। योजना, आर्थिक एवं सांख्यिकी विभाग के अधिकारियों ने बताया कि कुछ विधायकों ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से पंजीकृत अशासकीय संस्थाओं को विकास निधि नहीं दे पाने से हो रही परेशानी के बारे में बताया था। दरअसल, योजना में विधायकों को पहले एनजीओ को निधि देने का प्रविधान था लेकिन कमल नाथ सरकार ने इसे प्रतिबंधित कर दिया था। भाजपा के वरिष्ठ विधायक यशपाल सिंह सिसौदिया ने बताया कि कांग्रेस सरकार के मन में यह धारणा थी कि विधायक सरस्वती शिशु मंदिर स्कूल को अपनी निधि देते हैं। जबकि, ऐसा बिल्कुल भी नहीं है। विधायक क्षेत्र के भ्रमण के दौरान विभिन्न निजी संस्थाओं के कार्यक्रमों में जाते हैं। वहां जन समुदाय खेल का मैदान बनवाने, आंतरिक सड़क, नाली, अतिरिक्त भवन, पानी की टंकी आदि कामों की मांग करते हैं। जनप्रतिनिधि होने के नाते विधायक निधि से राशि स्वीकृत की जाती है। इसमें यह नहीं देखा जाता कि संस्था किसकी है लेकिन कांग्रेस सरकार में यही धारणा बनी थी और योजना में संशोधन करके अशासकीय संस्थाओं को निधि देने पर प्रतिबंध लगा दिया था। मुख्यमंत्री के सामने जब यह बात रखी तो उन्होंने योजना में संशोधन कराया है। अब विधायक पहले की तरह अपनी निधि पंजीकृत अशासकीय संस्थाओं को दे सकेंगे।
विधायकों को सालाना मिलती है 1.85 लाख की निधि
विधायकों को निर्वाचन क्षेत्र विकास के लिए सालाना 1.85 करोड़ रुपये मिलते हैं। इस राशि का उपयोग अब तालाब, नहर, स्टाप डैम की मरम्मत, बस स्टॉप, पैदल पथ, अनाथालय, कन्या आश्रम, गौशाला, उद्यान, आंगनवाड़ी भवन के निर्माण सहित अन्य सार्वजनिक कार्यों के लिए राशि दे सकते हैं।
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