नई दिल्ली। दिल्ली में गणतंत्र दिवस के दिन किसानों की रैली के दौरान उत्तराखंड के किसान की हुई मौत की ऑटोप्सी रिपोर्ट आ गई है। इसमें सिर के जख्म की वजह से शॉक और खून बहने की वजह से बताई गई है। रिपोर्ट में 6 जगहों पर चोट का जिक्र है। वहीं दूसरी तरफ मृतक के परिजन का कहना है कि मौत गोली लगने की वजह से हुई है। मृतक किसान की ऑटोप्सी में भौंह के ऊपर, ठुड्डी, खोपड़ी, कान की हड्डी, छाती, जांघ में जख्म की बात की गई है। हमारे सहयोगी अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया के पास इस ऑर्डर की एक कॉपी है। परीक्षण करने वाले डॉक्टर्स ने जख्म को लेकर किसी तरह का कॉमेन्ट करने से इनकार कर दिया है।
मृतक के परिजन का कहना है कि मौत गोली लगने से हुई। गोली ठुड्डी में लगी और दाहिने कान से बाहर निकली। अंकल इंद्रजीत सिंह ने कहा, ‘एक डॉक्टर ने हमसे कहा कि बुलेट के जख्म के निशान दिख रहे हैं। आश्वस्त किए जाने के बाद हमने शांतिपूर्ण तरीके से शव का अंतिम संस्कार किया। हमें नहीं लगा था कि धोखा किया जाएगा।’ किसान की मौत के बाद ऑटोप्सी 27 जनवरी की तारीख में रात में 2 बजे किया गया। ठुड्डी के बाएं तरफ और मुंह से थोड़ा नीचे 2×1 सेंटीमीटर की साइज का जख्म का निशान मिला। वहीं एक और रिपोर्ट में दाहिने कान के ऊपर 6×3 सेंटीमीटर का जख्म मिला है। इस जगह से कान और दिमाग के कुछ हिस्से बाहर आए हैं।
परिवार का कहना है कि ये निशान गोली लगने और बाहर निकलने के हैं। वहीं डेप्युटी सीएमओ मनोज शुक्ला ने कहा कि यह चोट ट्रैक्टर के जमीन से टकराने की वजह से हुआ। घटना के वीडियो में बैरिकेड के पास आते ही ट्रैक्टर अचानक पलटता नजर आ रहा है। लेकिन ये साफ नहीं हो पा रहा कि आखिर ट्रैक्टर पलटा किस वजह से। मृत किसान की पहचान नवनीत सिंह के रूप में हुई है। वह उत्तराखंड के रुद्रपुर के रहने वाले थे। तीस साल के नवनीत की एक साल पहले ही शादी हुई थी। किसानों ने नवनीत का शव आईटीओ चौक पर रखकर प्रदर्शन शुरू कर दिया और कथित तौर पर गोली चलाने वाले पुलिसकर्मी पर कार्रवाई करने की मांग की। पुलिस ने प्रदर्शनकारियों के आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया।
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