भोपाल। अभी तक अफसरों-कर्मचारियों की गोपनीय चरित्रावली लिखने का प्रचलन था, जिसे अब बदला जाएगा। अब सभी विभागों की गोपनीय चरित्रावली ऑनलाइन रहेगी, जिसका अवलोकन लोकसेवक कर सकेंगे। अभी उन्हें ही अपनी चरित्रावली की जानकारी नहीं मिल पाती थी, जिसे पारदर्शी करने के लिए सामान्य प्रशासन विभाग नया कानून लागू कर रहा है। अंग्रेजों के जमाने से चली आ रही इस व्यवस्था को अब बदला जा रहा है।
अभी तक हर विभाग के अधिकारियों-कर्मचारियों की उन्हीं के आला अफसरों द्वारा गोपनीय चरित्रावली तैयारी की जाती है, जिसके आधार पर ही प्रमोशन से लेकर अन्य सुविधाएं मिलती है। हर साल सभी लोक सेवकों की यह गोपनीय चरित्रावली लिखी जाती है, जिसमें 5 तरह के कॉलम तय हैं, जिसमें कर्मचारियों के कार्य व्यवहार से लेकर उनके खिलाफ मिलने वाली शिकायतों और उनके व्यवहार से लेकर अन्य जानकारियां रहती है। इसमें अंकों के आधार पर हर पांच साल में आंकलन किया जाता है और उसके आधार पर ही प्रमोशन से लेकर अन्य गतिविधियां रहती है। अंग्रेजों ने लोकसेवकों के कार्य व्यवहार जानने के लिए ये गोपनीय चरित्रावली की शुरुआत की थी। तब से ही यह परम्परा चली आ रही है। हालांकि गोपनीय चरित्रावली के मामले में शासन से लेकर उसके आला अफसरों पर आरोप लगते रहे हैं, जिसमें भेदभाव से लेकर भ्रष्टाचार व अन्य शिकायतें आती हैं। अब सामान्य प्रशासन विभाग इस सिस्टम में बदलाव करने जा रहा है और ये गोपनीय चरित्रावली ऑनलाइन रहेगी, जिसे संबंधित लोक सेवक द्वारा देखा जा सकेगा। सामान्य प्रशासन विभाग के राज्य मंत्री इंदरसिंह परमार के मुताबिक सभी विभागों के लोक सेवकों की गोपनीय चरित्रावली ऑनलाइन की जा रही है। इस पूरी प्रक्रिया को पारदर्शी रखने के लिए यह कदम उठाया जा रहा है, जिससे जहां जो भी गलत होगा उसे तत्काल रोका और पकड़ा जा सकेगा। सामान्य प्रशासन विभाग इस संबंध में एक नया सिस्टम तैयार कर रहा है, जिससे चरित्रावली में भेदभाव या भ्रष्टाचार होने पर संबंधित अधिकारी या कर्मचारी की शिकायत भी की जा सकेगी।
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