भरतपुर। आमतौर पर डॉक्टरों का कहना है और यह देखा भी गया है कि कोरोना संक्रमित करीबन 2 हफ्ते के अंदर ठीक हो जाते हैं लेकिन देश में एक ऐसा मामला भी मौजूद है जहां बीते 5 महीने से ज्यादा वक्त बीत जाने पर भी एक महिला कोरोना संक्रमित है। अब आप सोच रहे होंगे कि ऐसा भी हो सकता है क्या? तो इसका जवाब है हां। राजस्थान के भरतपुर में कोरोना का एक ऐसा मामला सामने आया है जहां शारदा देवी नाम की महिला बीते 5 महीनों से कोरोना पॉजिटिव हैं। इस पांच महीने में शारदा देवी की 32वीं कोरोना टेस्ट रिपोर्ट भी पॉजिटिव आई है। कोरोना के इस अजब मामले ने डॉक्टरों की भी चिंता बढ़ा दी है।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, भरतपुर की रहने वाली शारदा देवी पहली बार बीते साल 4 सितंबर को कोरोना पॉजिटिव पाई गई थीं। इसके बाद इनकी 32 बार कोरोना जांच की गई है और सभी में शारदा देवी पॉजिटिव पाई गई हैं। शारदा देवी बीते साल अगस्त में ‘अपना घर संगठन’ से जुड़ी थीं, जो अभी 3 हजार से ज्यादा बेघरों का आसरा है। उस समय वह काफी कमजोर थीं और कुछ दिन बाद वह कोरोना संक्रमित पाई गईं।
स्थानीय डॉक्टरों ने शारदा देवी का इलाज किया जिसके बाद उनके अंदर कोरोना के लक्षण दिखने बंद हो गए और धीरे-धीरे वह स्वस्थ भी हो गईं। सितंबर मध्य से उनमें कोरोना के कोई लक्षण नहीं दिख रहे। स्वास्थ्य अधिकारी उस समय सकते में रह गए जब बार-बार शारदा की कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव ही आती रही। बीते 5 महीनों के अंदर शारदा देवी का एक, दो नहीं बल्कि 32 बार कोरोना टेस्ट किया गया है और हर बार रिपोर्ट पॉजिटिव आई है।
शारदा का सिर्फ ऐलोपेथिक नहीं बल्कि होम्योपेथिक और आयुर्वेदिक पद्वति से भी इलाज किया गया है। इस दौरान उनका वजन 6 किलो बढ़ा है लेकिन वायरस अभी भी उनके शरीर में है और उन्हें आइसोलेशन में रखा गया है। मीडिया रिपोर्ट्स में डॉक्टरों के हवाले से बताया गया है कि कोरोना से संक्रमित किसी भी इंसान में अगर 10 दिनों तक कोई खास लक्षण नहीं दिखते तो यह मान लिया जाता है कि वह कोरोना से रिकवर हो गया है। लेकिन डेड वायरस अगर ऐलीमेंट्री कैनल में फंसा रह जाए तो ऐसा व्यक्ति 100 बार जांच क्यों न करवा ले, उसकी रिपोर्ट हमेशा पॉजिटिव ही आएगी।
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