भोपाल। शायद ही आपने सुना हो कि किसी पेड़ की सुरक्षा में 24 घंटे सिक्योरिटी गार्ड तैनात रहते हैं। किसी वीआईपी व्यक्ति की तरह ही इस पेड़ की सुरक्षा की जाती है। इसका पत्ता भी टूटकर गिरता है तो प्रशासन की टेंशन बढ़ जाती है। खास बात यह भी है कि इस पेड़ का किसी वीआईपी इंसान की तरह मेडिकल चेकअप भी किया जाता है। मध्यप्रदेश के रायसेन जिले के सांची स्तूप के पास एक पहाड़ी पर मौजूद ये पेड़ अपने आप में अनोखा है।
सामान्य तौर पर लोग इसे पीपल का पेड़ मानते हैं, लेकन इसकी कड़ी सुरक्षा को देख उनके दिमाग में यह प्रश्र जरूर उठता है कि इस पेड़ की इतना खास क्यों हैं? 15 फीट ऊंची जालियों से घिरा और आस-पास खड़े पुलिस के जवानों को देख यह पेड़ किसी वीवीआईपी की तरह ही लगता है। इसकी इतनी सुरक्षा और उसके स्वास्थ्य का ख्याल जब सरकार रखती है तो लोग इसे वीवीआईपी पेड़ कहने लगे हैं।
इतिहास के पन्नों को पलटकर देखें तो पता चलता है कि रायसेन जिले में मौजूद सांची स्तूप को मौर्य वंश के सम्राट अशोक ने बनवाया था। इसके पीछे एक खास उद्देश्य था। उन्होंने भगवान बुद्ध को श्रद्धांजलि देते हुए ये स्तूप बनवाने शुरु किये थे। साथ ही इसमें भगवान बुद्ध से जुड़ी वस्तुओं के अवशेषों को सहेजकर भी रखा गया था। श्रृद्धांजलि स्वरूप इन स्तूपों पर की गई नक्काशी में बौद्ध धर्म के महापुरुषों की जीवन यात्रा को दर्शाया गया है। इन स्तूपों को एक अर्धगोल गुंबद के रूप में बनाया गया है, जो धरती पर स्वर्ग की गुंबद का प्रतीक भी मानी जाती है। यह स्थल विश्व भर में प्रसिद्ध है और बौद्ध धर्म के अनुयायियों का आस्था का केंद्र माना जाता है। यही वजह है कि भगवान बुद्ध की यादों को संजोय इस पेड़ की विशेष सुरक्षा की जाती है।
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