हिंदू धर्म में पूर्णिमा का विशेष महत्व है. पूर्णिमा तिथि साल में 12 बार आती है. प्रत्येक पूर्णिमा तिथि का अलग-अलग महत्व है. पौष माह के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा को पौष पूर्णिमा कहते है. पूर्णिमा तिथि चंद्रमा को प्रिय होती है. इस दिन चंद्रमा अपने पूर्ण आकार में होता है. हिंदू ग्रंथों में पौष पूर्णिमा के दिन दान, स्नान और सूर्य देव को अर्घ्य देने का भी विशेष महत्व बताया गया है. इस दिन काशी, प्रयागराज और हरिद्वार में गंगा स्नान करना बेहद शुभ बताया जाता है. इस बार पौष पूर्णिमा व्रत 28 जनवरी को मनाई जाएगी.
शुभ मुहूर्त
इस बार पूर्णिमा तिथि 28 जनवरी 2021 दिन गुरुवार को 01 बजकर 18 मिनट से आरंभ होकर 29 जनवरी 2021 दिन शुक्रवार को 12 बजकर 47 मिनट तक रहेगी.
पौष पूर्णिमा व्रत और पूजा विधि
पौष पूर्णिमा के दिन सुबह स्नान करने से पहले व्रत का संकल्प लें. इसके बाद पवित्र नदी या कुंड में स्नान करें. स्नान से पूर्व वरुण देव को प्रणाम करें. स्नान के पश्चात सूर्य मंत्र का उच्चारण करते हुए सूर्य देव को अर्घ्य देना चाहिए. स्नान से करने के बाद भगवान मधुसूदन की पूजा करनी चाहिए. इसके बाद किसी जरुरतमंद व्यक्ति या ब्राह्मण को भोजन कराकर दान-दक्षिणा दें. दान में तिल, गुड़, कंबल और ऊनी वस्त्र विशेष रूप से दें.
पौष पूर्णिमा का महत्व
वैदिक ज्योतिष और हिंदू धर्म से जुड़ी मान्यता के अनुसार, पौष सूर्य देव का माह कहलाता है. मान्यता है कि इस मास में सूर्य देव की आराधना से मनुष्य को मोक्ष की प्राप्ति होती है. इसलिए पौष पूर्णिमा के दिन पवित्र नदियों में पूजन से मनोकामनाएं पूर्ण होती है और जीवन में आने वाली बाधाएं दूर होती हैं.
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