नई दिल्ली। ऑस्ट्रेलिया में टीम इंडिया ने बॉर्डर-गावस्कर सीरीज 2020-21 में 2-1 से ऐतिहासिक जीत दर्ज की। एडिलेड टेस्ट के बाद टीम इंडिया के कप्तान विराट कोहली पैटरनिटी लीव पर स्वदेश लौट गए। इसके बाद बचे हुए तीन टेस्ट मैचों में अजिंक्य रहाणे ने टीम की कप्तानी की।
ऑस्ट्रेलिया सीरीज के बाद से इस बात पर लगातार चर्चा हो रही है कि क्या टेस्ट की कप्तानी विराट कोहली की जगह रहाणे को दे देनी चाहिए। इस बहस के बीच आर अश्विन ने दोनों की कप्तानी पर खुलकर बात की है। विराट की कप्तानी में भारत एडिलेड टेस्ट हारा था और इसके बाद रहाणे की कप्तानी में भारत एक भी टेस्ट नहीं हारा। मेलबर्न टेस्ट भारत ने जीता और फिर सिडनी टेस्ट ड्रॉ पर खत्म हुआ और ब्रिसबेन में ऐतिहासिक जीत दर्ज कर सीरीज 2-1 से अपने नाम की।
अश्विन से जब विराट और रहाणे की कप्तानी में फर्क के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा, ‘रहाणे ने टीम इंडिया की पांच टेस्ट मैचों में कप्तानी की है और विराट कोहली ने उससे बहुत ज्यादा मैचों में, तो सबसे बड़ा फर्क तो यही है। मुझे समझ नहीं आ रहा कि कैसे लोग कप्तानी को लेकर तुलना कर रहे हैं। महेंद्र सिंह धोनी और विराट कोहली की कप्तानी स्टाइल अलग थी। लोग इस बारे में इसलिए बात करते हैं क्योंकि इनसे हेडलाइन्स बनती हैं।’
अश्विन ने कहा, ‘मैं जिस भी कप्तान और उप-कप्तान के अंडर खेला हूं, सभी बहुत सपोर्टिव रहे हैं। लीडरशिप का मतलब है कि आप किस तरह से खुद की अगुवाई करते हैं और किसी भी परिस्थिति का कैसे सामना करते हैं। अगर आप किसी साथी खिलाड़ी को सपोर्ट कर पाते हैं तो यह भी लीडरशिप क्वालिटी है। मैं खुद को लकी मानता हूं कि मैं ऐसे खिलाड़ियों के साथ ड्रेसिंग रूम साझा कर चुका हूं और कर रहा हूं। विराट कोहली, अजिंक्य रहाणे, चेतेश्वर पुजारा ये छोटे नाम नहीं हैं। जब भी मैं संन्यास लूंगा तो मुझे और समझ आएगा कि इनका मुझ पर क्या असर पड़ा।’
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