शुगर बदलते लाइफस्टाइल और खान-पान की कमियों की वजह से पनपने वाली बीमारी है। डायबिटीज में ब्लड शुगर का लेवल बहुत बढ़ जाता है, जिससे शरीर की इंसुलिन उत्पादन क्षमता प्रभावित होने लगती है। कई बार ऐसा भी होता है कि शरीर सक्रिय रूप से इंसुलिन का इस्तेमाल ही नहीं कर पाता हैं। शरीर में ब्लड शुगर का स्तर बढ़ने पर स्वास्थ्य संबंधी परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। डायबिटीज कंट्रोल करने के लिए सबसे जरूरी तो ये है कि आप अपने खानपान पर विशेष ध्यान दें और परहेज करें। इसके अलावा कई ऐसे घरेलू उपाय हैं जिनसे आप डायबिटीज को कंट्रोल करके एक सामान्य जीवन जी सकते हैं।
ग्रीन टी का सेवन करें:
ग्रीन टी में उच्च मात्रा में पॉलीफिनॉल पाया जाता है जो एक सक्रिय एंटी-ऑक्सीडेंट है। ग्रीन टी ब्लड शुगर को कंट्रोल करती है। सुबह-शाम ग्रीन टी पीने से ब्लड में शुगर का स्तर निम्न रहता है।
जामुन के बीजों का सेवन करें:
जामुन के बीज डायबिटीज को कंट्रोल करने में मददगार है। जामुन के बीजों को अच्छी तरह सुखा लें, और उन्हें सूखने के बाद पीसकर बारीक चूर्ण बना लें। सुबह खाली पेट जामुन के बीजों को गुनगुने पानी के साथ लें। इससे डायबिटीज कंट्रोल करने में मदद मिलेगी।
हरी सब्जियों का सेवन करें:
शुगर के मरीज अपनी डाइट से शुगर को कंट्रोल करें। इन लोगों को चाहिए कि हरी सब्जियां जैसे पालक, करेला, लौकी, गोभी आदि का सेवन करें। इनमें विटामिन्स, बीटा कैरोटीन और मैग्नीशियम की अच्छी मात्रा होती है जो शुगर में लाभकारी है।
तनाव से दूर रहें:
तनाव आपके ब्लड में शुगर का स्तर बढ़ाता है, इसलिए आप तनाव से दूर रहें। कई अध्ययनों में यह बात सामने आ चुकी है कि तनाव शुगर बढ़ने का सबसे बड़ा कारण है।
वॉक करें:
शुगर के मरीजों के लिए पैदल चलना शुगर को कंट्रोल करने का सबसे बेस्ट तरीका है। वॉक करने से शुगर का स्तर कम होता है, इसलिए शुगर के मरीज सुबह-शाम वॉक जरूर करें।
मेथीदाना का इस्तेमाल करें:
मेथीदाने का सेवन रक्त में शुगर के स्तर को कम करने में बेहद फायदेमंद है। रोजाना इसका सेवन करने से को कंट्रोल किया जा सकता है।
जौ का सेवन करें:
जौ शरीर में मौजूद ग्लूकोज के स्तर को लंबे समय तक मेटाबोलइज करने में मदद करती है। फाइबर से भरपूर जौ की आप रोटी पका कर खा सकते हैं।
विटामिन डी का सेवन करें:
रक्त में शुगर के स्तर को नियंत्रित रखने के लिए विटामिन डी का सेवन जरूरी है। विटामिन डी की कमी होने पर शरीर में इंसुलिन की मात्रा बढ़ जाती है।
नोट – उपरोक्त दी गई जानकारी व सुझाव समान्य जानकारी के लिए हैं इन्हें किसी प्रोफेशनल डॉक्टर की सलाह के रूप में न समझें । कोई भी बीमारी या परेंशानी हो तो डॉक्टर की सलाह जरूर लें ।
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