आबकारी आयुक्त ने कलेक्टरों से 48 घंटे में मंगवा लिए थे सुझाव… मगर मुख्यमंत्री के निर्देश पर आदेश निरस्त
इंदौर। आबकारी आयुक्त ने शराब दुकानों की संख्या बढ़ाने के संबंध में प्रस्ताव तैयार कर सभी कलेक्टरों को भिजवा दिया और 48 घंटे में उनसे सुझाव भी मांग लिए। जब इस पर बवाल मचा तो मुख्यमंत्री के निर्देश पर आदेश निरस्त हुआ और दुकानें बढ़ाने का प्रस्ताव रद्दी की टोकरी में चला गया। अब आबकारी विभाग दुकानों की संख्या नहीं बढ़ाएगा।
पिछले दिनों उज्जैन और मुरैना में अवैध शराब के विक्रय और जहरीली शराब से कई लोगों की मौत हो गई, जिसके चलते यह तथ्य भी सामने आया कि ग्रामीण क्षेत्रों में शराब की कीमतें बढऩे और दुकानें मौजूद ना रहने के चलते अवैध शराब की खपत बढ़ रही है। लिहाजा आबकारी आयुक्त राजीव दुबे ने हर जिले में 20 प्रतिशत नई दुकानें खोलने के प्रस्ताव कलेक्टरों से बुलवा लिए। जब इस पर बवाल मचा और भाजपा की ही पूर्व मंत्री और वरिष्ठ नेता उमा भारती ने आपत्ति ली और शराबबंदी की मांग भी कर डाली और कांग्रेस ने भी इस पर हल्ला मचाना शुरू किया, तो मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान ने नई दुकानें खोलने के प्रस्ताव को ठंडे बस्ते में डलवा दिया। हालांकि गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने भी नई दुकानों का समर्थन किया, मगर अब यह प्रस्ताव रद्दी की टोकरी में पहुंच गया है।
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