भोपाल। प्रदेश में संचालित समस्त क्लीनिक और नर्सिंग होम को कोविड-19 के उपचार की निर्धारित की गई दरों को रिसेप्शन काउंटर पर प्रदर्शित करने के निर्देश दिए हैं। यह भी कहा गया है कि मरीजों और स्वजन को भी उपचार की दरें उपलब्ध कराई जाएं। उच्च न्यायालय जबलपुर द्वारा नवम्बर 2020 में कोविड-19 की निर्धारित उपचार दरों को क्लीनिक और नर्सिंग होम में रिसेप्शन काउंटर पर प्रदर्शित करने के संबंध में आदेश पारित किया गया था। जिसके बाद प्रदेश में स्वास्थ्य विभाग द्वारा क्लीनिक्स एस्टेबलिस और नर्सिंग होम संबंधी (उपचर्चागृहों एवं रूजोपचार संबंधी) रजिस्ट्रीकरण एवं अनुज्ञापन नियम-1997 की अनुसूची-2 के खण्ड (5) और 5(1)के प्रावधानों के तहत पालन सुनिश्चित करने को कहा गया है।
40 फीसदी से अधिक उपचार खर्च नहीं ले सकेंगे
निर्देश में कहा गया है कि क्लीनिक एवं नर्सिंग होम मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी को कोविड-19 की निर्धारित दरों की भेजी गई सूची में दर्शाई गई दरों से 40 फीसदी से अधिक उपचार खर्च नहीं ले सकेंगे। इधर बताया जाता है कि कोरोना महामारी का खतरा बढऩे पर विगत माह जिले में सरकारी व निजी अस्पतालों में बिस्तरों की कमी होने लगी थी। ऐसे समय में अनेक निजी अस्पतालों ने कोरोना मरीजों को भर्ती कर उपचार करना प्रारंभ किया। कई निजी अस्पतालों में कोरोना मरीजों के उपचार में रोजाना हजारों रुपये वसूल किए जाने लगे। निजी अस्पतालों में कोरोना का उपचार आम नागरिकों की पहुंच से बाहर चला गया। जिले में तमाम राजनीतिक व सामाजिक संगठनों ने कोरोना उपचार में मनमाना वसूली का विरोध किया था। जिसके बाद कोर्ट ने कोरोना उपचार की रेट लिस्ट रिसेप्शन काउंटर पर लगाने का आदेश दिया।
©2024 Agnibaan , All Rights Reserved