भोपाल। मध्य प्रदेश में बांस के उद्योग को बढ़ाने के लिए प्रदेश सरकार कारीगरों को तराशने का काम भी कर रही है। एक जिला एक उत्पाद के रोडमैप में बालाघाट के बांस को भी शामिल किए जाने से इसके उद्योग को भी बल मिल रहा है। प्रदेश सरकार ने प्रदेश के करीब दो दर्जन युवाओं को त्रिपुरा में अगस्त 2020 में खास प्रशिक्षण दिलाया गया है। बालाघाट के भी पांच युवाओं को प्रशिक्षित किया गया है। प्रशासन ने इससे जुड़े उद्योगों की स्थापना के लिए भी योजना तैयार की है। जिले में अगरबत्ती काड़ी निर्माण की तीन यूनिट लगाई जानी हैं।
हरियाली के साथ खुशहाली का रास्ता
बालाघाट जिले में उद्योग की संभावनाएं तलाशने बांस के उत्पादन को भी बढ़ावा दिया जा रहा है। हरियाली के साथ खुशहाली का रास्ता निकालने की कोशिश में अब बांस का रकबा बढ़ाया जाएगा। सरकार को उम्मीद है कि हरियाली से प्रकृति का श्रंगार करने वाला बांस जिले में उद्योगों को भी संवारेगा। मध्य प्रदेश में त्रिपुरा की कारीगरी बांस के उद्योग को आगे बढ़ाएगी।
बांस की खेती को दिया जाएगा प्रोत्साहन
किसानों को बांस की खेती करने के लिए प्रोत्साहन देने व बांस पर आधारित लघु, कुटीर व वृहद स्तर के उद्योगों को प्रोत्साहन देने की तैयारी की जा रही है। बांस के फर्नीचर को भी प्रोत्साहित किया जाएगा।
चार साल बाद होगी अधिक आय
किसान अपनी खाली व अनुपयोगी जमीन पर बांस की खेती करेंगे। उन्हें मनरेगा व बांस मिशन से अनुदान उपलब्ध कराया जाएगा। बांस की खेती से पहले चार साल तक कोई उत्पादन नहीं मिलेगा। इसके बाद बाद हर वर्ष अन्य फसलों की तुलना में अधिक आय मिलने लगेगी।
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