नई दिल्ली। भारत समेत दुनिया के कई देशों में कोरोना वायरस के खिलाफ टीकाकरण अभियान चलाए जा रहे हैं, ताकि इस महामारी को जल्द से जल्द खत्म किया जा सके। हालांकि बहुत से देश ऐसे भी हैं, जिन्हें अब तक वैक्सीन नहीं मिली है, जिससे वहां पर महामारी के और फैलने का खतरा बरकरार है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन के महानिदेशक टेड्रोस अधानोम ने सोमवार को एक बयान में कहा है कि जिस तरह से कोरोना की वैक्सीन पाने के लिए होड़ मची है, इसमें दुनिया के गरीब देशों के पिछड़ने का डर है। उन्होंने कहा कि अमीर देशों और गरीब देशों के बीच असमानता की दीवार है और ये टीके के वितरण में बड़ी रुकावट साबित हो सकती है।
टेड्रोस अधानोम ने अपने बयान में कहा, ‘दुनियाभर की सरकारें अपने स्वास्थ्यकर्मियों और बुजुर्गों को पहले वैक्सीन देना चाहती हैं, ये अच्छी बात है, लेकिन ये बिल्कुल सही नहीं है कि अमीर देशों के युवाओं और स्वस्थ वयस्कों को टीका पहले मिल जाए और गरीब देशों के स्वास्थ्यकर्मियों और बुजुर्गों को ये नहीं मिले।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, टेड्रोस अधानोम ने बताया कि मौजूदा समय में कम से कम 49 अमीर देशों में लोगों को टीके की 3.9 करोड़ खुराक दी गई है, तो वहीं गरीब देशों में लोगों को टीके की महज 25 खुराक ही मिली हैं। उन्होंने कहा कि इन आंकड़ों को देखकर ही लगता है कि दुनिया नैतिक विफलता के कगार पर है और सबसे गरीब देशों के लोगों को इसकी कीमत चुकानी पड़ेगी।
टेड्रोस अधानोम ने चेतावनी दी कि वैक्सीन जल्दी और ज्यादा खुराक पाने की होड़ में दुनिया के गरीब देशों के लोग खतरे में होंगे और इससे इस महामारी को पूरी तरह खत्म नहीं किया जा सकेगा। उन्होंने सभी देशों से अपील की है कि साल के पहले 100 दिनों के अंदर दुनिया के सभी स्वास्थ्यकर्मियों और बुजुर्गों को कोरोना का टीका दिया जाना चाहिए।
टेड्रोस अधानोम ने बताया कि पिछले कई महीनों से विश्व स्वास्थ्य संगठन सभी देशों में समान रूप से वैक्सीन पहुंचाने की कोशिश में लगा हुआ है। यहां तक कि संगठन ने दुनिया के पांच वैक्सीन उत्पादकों से टीके की दो अरब खुराक सुरक्षित भी कर ली है। इसके अलावा एक अरब और खुराक उसे मिलने वाली है। उन्होंने बताया कि विश्व स्वास्थ्य संगठन फरवरी से लोगों को टीका लगाना शुरू कर देगा।
©2024 Agnibaan , All Rights Reserved