भोपाल। राज्य सरकार ने केन्द्रीय वित्त पोषित योजनाओं में मिलने वाले सहायक अनुदान में कमी को देखते हुए बढाने का आग्रह किया है। इसी प्रकार बिना शर्त जीएसडीपी का एक प्रतिशत अतिरिक्त ऋण और प्राप्त करने की स्वीकृति देने पर भी केन्द्र से विचार करने का आग्रह किया है।
दरअसल, केन्द्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से सोमवार को केन्द्रीय बजट के पहले राज्यों के वित्त मंत्रियों से विभिन्न बजट प्रस्तावों पर चर्चा में मप्र के वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा ने राज्य सरकार की ओर से मध्यप्रदेश को केन्द्रीय बजट में जरूरत के अनुकूल बजट प्रस्तावों पर चर्चा कर महत्वपूर्ण सुझाव दिये।
आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश का होगा निर्माण
देवड़ा ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की आत्मनिर्भर भारत निर्माण की दूरदृष्टि से प्रेरित होकर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आत्म निर्भर मध्यप्रदेश बनाने के लिये रोडमैप बनाया है। इस साल के बजट से यह कल्पना साकार होगी और शक्तिशाली आत्मनिर्भर भारत के साथ आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश का भी निर्माण होगा।
वित्त मंत्री देवड़ा ने कहा कि केन्द्र प्रवर्तित एवं केन्द्र क्षेत्रीय योजनाओं के अंतर्गत भारत सरकार से सीधे बैंक खाते में राशि अंतरित की जा रही है। इन योजनाओं की राशि राज्य की समेकित निधि के माध्यम से उपलब्ध करायी जानी चाहिए। उन्होंने अधोसंरचना कार्यों से संबंधित केन्द्र प्रवर्तित एवं केन्द्र सहायतित महत्वपूर्ण योजनाओं जैसे प्रधानमंत्री आवास योजना, प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना, स्मार्ट सिटी मिशन आदि में केन्द्रांश के अनुपात में बढ़ोत्तरी करने की भी चर्चा की।
आपदाओं से निपटने राज्यों को ज्यादा राशि मिले
मंत्री देवड़ा ने केन्द्रीय वित्त मंत्री को बताया कि कीट प्रकोप एवं बाढ़ आपदा के कारण हुई क्षति के मुआवजे के रूप में भारत सरकार से 3,685 करोड़ रुपये की मांग की गई है। अभी तक 611 करोड़ रुपये मिले है। विभिन्न प्राकृतिक आपदाओं के समय राहत एवं पुनर्वास के लिये राज्यों को ज्यादा राशि उपलब्ध कराने का प्रावधान रखा जाये।
देवड़ा ने कहा कि खाद्यान्न का उपार्जन राज्य की संस्थाऐं करती हैं तथा व्यय की गई राशि की प्रतिपूर्ति, भारतीय खाद्य निगम/केन्द्र सरकार द्वारा की जाती है। उपार्जन पर हुए व्यय की स्थिति में केन्द्र सरकार को नीतिगत पहल करनी चाहिए।
बिना कटौती मिले चाही बजट राशि
वित्त मंत्री ने कहा कि बिना किसी कटौती के मध्यप्रदेश को अनुमान की पूरी राशि मिलना चाहिए। उन्होंने इस वर्ष भी बजट अनुमान तथा पुनरीक्षित अनुमान के अंतर की राशि को अतिरिक्त ऋण के रूप में प्राप्त करने की अनुमति देने का आग्रह किया। राज्य सरकार की ओर से प्री-बजट चर्चा में प्रमुख सचिव वित्त मनोज गोविल, वित्त सचिव गुलशल बामरा, उप सचिव वित्त रूपेश पटवार उपस्थित थे। (एजेंसी, हि.स.)
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