– डॉ. मयंक चतुर्वेदी
वर्ष 2021 की शुरुआत के साथ मध्य प्रदेश में कौओं के सामूहिक मौत के मामले आते ही यह आशंका व्यक्त की जाने लगी थी कि हो न हो यह बर्ड फ्लू है, इसके लिए सावधानी और बचाव के जो उपाय तुरंत किए जाने चाहिए थे, वह शुरू हो गए। प्रदेश की शिवराज सरकार इस तेजी के साथ इसकी रोकथाम में सक्रिय हुई कि भले ही पक्षियों में इसके संक्रमण को रोका जाना संभव न हो, लेकिन उनके जरिए इंसानों में कोरोना की तरह इसका वायरस संचार न करे, इसे रोकने में राज्य सरकार जरूर सफल रही। जबकि दिन बीतने के साथ ही पिछले तीन सप्ताह से बर्ड फ्लू से मध्य प्रदेश में पक्षियों की मौत का सिलसिला जारी है।
ताजा हालातों में प्रदेश में बर्ड फ्लू से प्रभावित जिलों की संख्या 28 हो गयी है। प्रदेश में अभीतक इंदौर, आगर-मालवा, मंदसौर, नीमच, खण्डवा, खरगौन, देवास, गुना, उज्जैन, शिवपुरी, राजगढ़, शाजापुर, विदिशा, दतिया, अशोकनगर, बड़वानी, होशंगाबाद, भोपाल, झाबुआ, हरदा, बुरहानपुर, छिंदवाड़ा, डिण्डोरी, मण्डला, सागर, धार, छतरपुर और सतना में पक्षियों में एच5एन8 वायरस की पुष्टि हो चुकी है।
ऐसे में निश्चित ही प्रदेश सरकार के यह प्रयास सराहनीय कहे जा सकते हैं, जिनके चलते अबतक बर्डफ्लू का इंसानों पर प्रभाव प्राय: दिखाई नहीं दे रहा है। इंदौर, खंडवा, उज्जैन में चिकन और अंडे की दुकानों को बंद करने के साथ ही खरगोन, शिवपुरी, बैतूल, गुना, अशोकनगर, दतिया और देवास समेत दूसरे जिलों में पोल्ट्री फॉर्म्स की निगरानी की जा रही है। हर जगह पक्षियों के सैंपल लिए जा रहे हैं। संदेह होने पर अंडे जब्त कर उन्हें दफनाने का क्रम जारी है। खरगोन में गुजरात और महाराष्ट्र की सीमाओं पर पक्षियों के आवागमन पर निगरानी रखी जा रही है। केरल और उसके सीमावर्ती इलाकों से आनेवाले चिकन पर प्रतिबंध लगा हुआ है। खंडवा में इंदिरा सागर बांध में आने वाले प्रवासी पक्षियों के सैंपल टेस्ट के लिए भेजे जा रहे हैं।
इसके लिए स्वयं मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान लगातार उन सभी को प्रेरित कर रहे हैं जो अपनी जान की चिंता किए वगैर मानव सेवार्थ पक्षियों के सैंपल टेस्ट के लिए प्रयोगशालाओं तक पहुंचाने के कार्य में जुटे हैं। वे स्वयं इन दिनों अपनी देखरेख में भारत सरकार द्वारा जारी एडवाइजरी के अनुसार सभी प्रभावित जिलों में एवियन इनफ्लूएंजा से बचाव, रोकथाम और नियंत्रण के उपाय करने के निर्देश एवं उनके पालन की समीक्षा कर रहे हैं। उन्होंने पशु चिकित्सा अधिकारियों को पोल्ट्री एवं पोल्ट्री उत्पाद बाजार, फार्म, जलाशयों एवं प्रवासी पक्षियों पर विशेष निगरानी रखने के साथ मुर्गियों का नियमित सर्विलांस करने के निर्देश दिये हैं। इसके साथ ही प्रदेश में भविष्य की आशंकाओं को देखते हुए सभी जिलों में कंट्रोल रूम की स्थापना कर रैपिड रिस्पांस टीमों का गठन कर दिया है। नियंत्रण एवं शमन कार्य में संलग्न अमले द्वारा पीपीई किट पहनकर एंटी वायरल ड्रग के बाद कार्यवाही की जा रही है। पोल्ट्री एवं पोल्ट्री उत्पाद बाजार में बायो सिक्युरिटी मापदण्डों का पालन किया जा रहा है। पशु चिकित्सा अधिकारी प्रतिदिन के कार्यों की रिर्पोटिंग संचालनालय पशुपालन चिकित्सा अधिकारी को ईमेल के द्वारा कर रहे हैं, जिनके आधार पर त्वरित कार्यवाही की जाकर रोकथाम के अविलंब उपाय किये जा रहे हैं।
वस्तुत: इन उपायों को देखते हुए कहा जा सकता है कि जैसे कोरोना को परास्त करने के लिए शिवराज सरकार के अबतक के प्रयत्न सार्थक सिद्ध होते आए हैं, जिसके लिए केंद्र की मोदी सरकार एवं कई संस्थाएं प्रशंसा कर चुकी हैं। टीका अभियान भी उत्साह के वातावरण में व्यवस्थित तरीके से शुरू है, उसी तरह से आशा की जानी चाहिए कि प्रदेश में बर्ड फ्लू से प्रभावित जिलों की संख्या 28 से भले ही कितनी ही अधिक क्योंं न हाे जाए, शिवराज सरकार के प्रभावी उपाय इसे मानवों के बीच फैलने से रोकने में सफल रहेंगे। निश्चित ही इस दिशा में अन्य राज्यों के लिए भी शिवराज सरकार की यह सक्रियता प्रेरणा लायक है।
(लेखक फिल्म प्रमाणन बोर्ड एडवाइजरी कमेटी के पूर्व सदस्य एवं पत्रकार हैं।)
©2024 Agnibaan , All Rights Reserved