रामेश्वर धाकड़
भोपाल। सरकार में वापसी के बाद से लगातार बयानवाजी कर रहे दो भाजपा विधायकों पर पार्टी ने शिकंजा कस दिया है। एक हफ्ते के भीतर दो विधायक अजय विश्नोई और नारायण त्रिपाठी को प्रदेश मुख्यालय तलब किया जा चुका है। विश्नाई को सार्वजनिक तौर पर बयानबाजी नहीं कररने हिदायत दी गई है, जबकि त्रिपाठी पर को सख्त कार्रवाई की चेतावनी दी गई है। इसके बावजूद भी त्रिपाठी संगठन की लाइन पर नहीं लौटते हैं तो निकाय चुनाव से पहले उन पर बड़ा फैसला लिया जा सकता है। अजय विश्नोई ने संगठन एवं मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर ट्वीट के जरिए सवाल उठाए हैं। हाल ही में सिंधिया समर्थक विधायक तुलसी सिलावट एवं गोविंद सिंह राजपूत को मंत्री बनाए जाने के बाद विश्नोई ने ट्वीट के माध्यम से विंध्य एवं महाकौशल के साथ भेदभाव के आरोप लगाए थे। इसके बाद प्रदेशाध्यक्ष वीडी शर्मा ने विश्नोई को भोपाल बुलाकर हिदायत दी कि आगे से अपनी बात संगठन में रखें। इस बीच मैहर से भाजपा विधायक नारायण त्रिपाठी ने विंध्य प्रदेश की मांग को तूल दे दिया। भाजपा अध्यक्ष शर्मा ने त्रिपाठी को भोपाल तलब किया और सख्त हिदायत दे दी है। पार्टी सूत्रों ने बताया कि त्रिपाठी से संगठन कमलनाथ सरकार के समय से ही नाराज चल रहा है। क्योंकि कमलनाथ सरकार के समय त्रिपाठी ने विधानसभा में सरकार के पक्ष में खड़े रहे थे। इतना ही नहीं मैहर एवं सतना में त्रिपाठी भाजपा नेताओं की अनदेखी कर अपने समर्थकों को तवज्जो दे रहे हैं। इसकी शिकायत भी पार्टी ने प्रदेश संगठन से कर चुके हैं।
हो सकते हैं बाहर!
स्थानीय स्तर पर त्रिपाठी का विरोध बढ़ता जा रहा है। क्योंकि वे जिला एवं मंडल इकाइयों में अपने समर्थकों की एंट्री करा रहे हैं। पार्टी लाइन से हटकर अपनी नई लाइन तैयार कर रहे हैं। इसकी शिकायत भी भोपाल पहुंची है। विंध्य प्रदेश की मांग पर प्रदेशाध्यक्ष ने उन्हें समझाइश दी है, लेकिन अध्यक्ष से मुलाकात के बाद भी त्रिपाठी ने विंध्य प्रदेश की मांंग नहीं छोड़ी है। पार्टी सूत्रों का कहना है कि यदि त्रिपाठी संगठन की लाइन पर नहीं लौटते हैं तो निकाय चुनाव से पहले बड़ा फैसला लिया जा सकता है।
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