लखनऊ । इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ खंडपीठ (Lucknow bench of Allahabad High Court) ने हाथरस में दलित युवती के साथ कथित गैंगरेप और मौत के मामले में पूर्व में उपलब्ध कराई गई ऑडियो और वीडियो क्लिप देखी। अपर महाधिवक्ता वीके शाही ने यह जानकारी दी। अदालत ने पिछले साल 16 दिसंबर को सुनवाई के दौरान ही शनिवार की तारीख तय करते हुए सभी पक्षकारों को ये क्लिपिंग देखने को कहा था।
आदेश के तहत याची की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता जेएन माथुर, राज्य सरकार की ओर से अपर महाधिवक्ता वीके शाही, गृह सचिव तरुण गाबा, हाथरस के तत्कालीन जिलाधिकारी प्रवीण कुमार और पुलिस अधीक्षक विक्रांत वीर, युवती के भाई एवं भाभी और उनकी वकील सीमा कुशवाहा भी उपस्थित थीं।
अदालत ने मामले में स्वतः संज्ञान लिया था। कई बार इस मामले में सुनवाई हो चुकी है। पहली सुनवाई के बाद ही अदालत ने मीडिया से हाथरस के बारे में जो ख़बरें चलायी गई थीं उनकी क्लिपिंग जमा करने का आदेश दिया था। इसके बाद विभिन्न मीडिया चैनलों और अखबारों ने ऑडियो और वीडियो क्लिप अदालत में जमा कराई थीं।
उत्तर प्रदेश के हाथरस जिले में 14 सितंबर को कथित सामूहिक बलात्कार की शिकार युवती की दिल्ली के अस्पताल में 29 सितंबर को मौत हो गयी थी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मामले की जांच सीबीआई से कराने की सिफारिश की, जिसके बाद इस मामले की जांच सीबीआई कर रही है।
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