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मप्र ने धान खरीदी में तोड़ा अपना रिकॉर्ड

January 16, 2021

  • 5.80 लाख किसानों से 37 लाख टन से ज्यादा हुई खरीद
  • किसानों को 5 हजार करोड़ का हुआ भुगतान

भोपाल। कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली में किसान आंदोलन के बीच मध्यप्रदेश सरकार ने न्यूनतम समर्थन पर धान की खरीद का रिकॉर्ड तोड़ दिया है। यह स्थिति तब है जब न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) बंद होने की अफवाह तेजी से फैलाई गई है। प्रदेश में शुक्रवार तक 5.80 लाख किसान से 37 लाख टन से ज्यादा धान खरीदी गई। किसानों को पांच हजार करोड़ रुपये का भुगतान भी हो चुका है। पिछले साल प्रदेश ने 25.86 लाख टन धान खरीदकर रिकॉर्ड बनाया था। चावल भी तेजी के साथ बनाकर सेंट्रल पूल में देने की रणनीति बनाई थी पर मिलर्स परेशानी का सबब बन रहे हैं। अभी तक सिर्फ सात-आठ हजार टन धान की मिलिंग ही हो पाई है। गुणवत्ता और मात्रा के मुद्दे पर मिलर्स और सरकार के बीच बात अटकी हुई है। सरकार ने साफ कर दिया है कि गुणवत्ता से कोई समझौता नहीं होगा। उल्लेखनीय है कि पिछले साल गोदामों में पोल्ट्री ग्रेड का चावल केंद्र सरकार की जांच में पकड़ाया था, जिससे प्रदेश की बड़ी किरकिरी हुई थी।

पंद्रह सौ से ज्यादा केंद्रों पर हुई खरीदी
प्रदेश में नवंबर से पंद्रह सौ से ज्यादा खरीद केंद्रों पर न्यूनतम समर्थन मूल्य (1,868 रुपये प्रति क्विंटल) पर धान की खरीद शुरू हुई थी, जो 15 जनवरी को समाप्त हो गई। इस दौरान 37 लाख टन धान खरीदी गई। यह प्रदेश में हुई अब तक की धान खरीद का रिकॉर्ड है। यह खरीद भी तब हुई जब देश में यह माहौल बनाया जा रहा है कि नए कृषि कानूनों के आने से न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीद बंद हो जाएगी। जबकि, केंद्र से लेकर राज्य सरकार साफ कर चुकी हैं कि न तो न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीद बंद होगी और न ही मंडियां। इसके प्रमाण भी मध्यप्रदेश में किसानों को मिल चुके हैं। पिछले दिनों ही कृषि मंत्री कमल पटेल ने नरसिंहपुर जिले के साईंखेड़ा में उप मंडी की शुरुआत की है। हालांकि, सरकार को धान की मिलिंग में परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। मिलर्स एक क्विंटल धान से 67 किलोग्राम की जगह 55-57 किलोग्राम चावल देने की बात कर रहे हैं। धान की टेस्ट मिलिंग की मांग भी उठाई है। दरअसल, सरकार ने उपार्जन नीति में टेस्ट मिलिंग का प्रविधान किया है लेकिन केंद्र सरकार से अभी इसकी अनुमति नहीं मिली है। टेस्ट मिलिंग हो जाने से यह साफ हो जाएगा कि जिस गुणवत्ता की धान दी गई है, वैसा ही चावल दिया जाएगा। खाद्य नागरिक आपूर्ति निगम के प्रबंध संचालक अभिजीत अग्रवाल का कहना है कि गेहूं हो या फिर धान प्रदेश में रिकॉर्ड खरीद हुई है। मिलिंग से जुड़े मुद्दों का समाधान भी जल्द होगा।

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