नई दिल्ली । केंद्र के तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलनरत किसानों के समर्थन में कांग्रेस ने कमर कस ली है। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी के नेतृत्व में पार्टी कार्यकर्ताओं ने शुक्रवार को दिल्ली में राजभवन का घेराव किया और किसानों कि एकजुटता पर गर्व जताया। उन्होंने कहा कि किसान अपने अधिकारों के लिए संकल्पित हैं और पीछे नहीं हटेंगे। सरकार को समझदारी दिखाते हुए कानून वापस लेने चाहिए।
कृषि कानूनों को सरकार की जिद बताते हुए राहुल गांधी ने कहा कि ये तीन कानून किसान को खत्म करने के लिए हैं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी हिन्दुस्तान को समझ नहीं रहे हैं, वो सोचते हैं कि किसानों में शक्ति नहीं है और ये 10-15 दिन में चले जाएंगे क्योंकि वो किसान की इज्जत नहीं करते। उन्होंने कहा, ‘कानून रद्द होंगे, मोदी जी को समझना चाहिए कि किसान पीछे हटने वाले नहीं हैं। ये हिन्दुस्तान है पीछे नहीं हटता है। सरकार को ही आज नहीं तो कल पीछे हटना पड़ेगा।’
राहुल ने आगे कहा कि इस देश को आज़ादी अंबानी-अदानी ने नहीं, किसान ने दी है। आज़ादी को बरकरार हिन्दुस्तान के किसान ने रखा है, जिस दिन देश की खाद्य सुरक्षा चली जाएगी उस दिन देश की आज़ादी चली जाएगी। राहुल गांधी ने सरकार और किसानों के बीच वार्ता को केन्द्र की विलंब करने की रणनीति का हिस्सा बताया। उन्होंने कहा कि चाहे सरकार कोई भी रणनीति अपना ले लेकिन किसान कमजोर नहीं पड़ेंगे और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को कृषि कानूनों को वापस लेना ही होगा। उन्होंने यह भी कहा कि अगर आज इस प्रकार के तानाशाही फैसलों के खिलाफ आवाज नहीं उठाई गई तो खेती के बाद अन्य क्षेत्रों में भी सरकार ऐसा करेगी।
इस बीच कांग्रेस द्वारा ‘किसान अधिकार दिवस’ मार्च निकाले जाने के दौरान पार्टी की नेता अलका लांबा घायल हो गई। राजभवन मार्च के दौरान दिल्ली पुलिस ने रास्ते में बैरिकेडिंग की हुई थी। इस बैरिकेडिंग में कंटीले तार लगे हुए थे, जिनमें अलका लांबा का हाथ फंस गया और वह घायल हो गई। हाथों से काफी खून निकलने पर उन्हें तत्काल अस्पताल ले जाया गया। एजेंसी
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