लखनऊ। समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा है कि लोगों के जानमाल की सुरक्षा उत्तर प्रदेश में भगवान भरोसे है। अपराधियों के खौफ के चलते प्रदेश में डर का माहौल है।
उन्होंने कहा कि प्रशासन तंत्र का मनोबल गिरा हुआ है। मुख्यमंत्री का कानून व्यवस्था पर कोई नियंत्रण नहीं रह गया है, वे सिर्फ सख्त जबानी बयानबाजी और जांच की थोथी घोषणाओं के जरिए भी कुर्सी की प्रतिष्ठा बचाने तक में असफल हैं। फिर भी राज भवन मूक दृष्टा की भूमिका में क्यों है?
सपा अध्यक्ष ने प्रदेश में विभिन्न आपराधिक घटनाओं का हवाला देते हुए कहा कि जब प्रदेश भर में कानून व्यवस्था चौपट है तो उसमें सामान्यजन का जीवन हर क्षण संकट में ही रहता है। बच्चियों के साथ छेड़खानी और दुष्कर्म की बढ़ती घटनाओं के चलते अब अभिभावकों के समक्ष यक्ष प्रश्न है कि वे कैसे पढ़ाएं और कैसे बचाएं?
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री जी ने पहले रोमियो स्क्वाड बनाया जिस का खुद ही अपनी हरकतों से नाम बदनाम हो गया, पिंक बूथ दिखावे के रह गए। मिशन शक्ति के नाम पर कोई प्रभावी कार्यवाही नजर नहीं आई। समाजवादी सरकार ने अपराध नियंत्रण के लिए यूपी डायल 100 सेवा शुरू की थी। उसे 112 नम्बर बना कर निष्प्रभावी बना दिया गया। छेड़खानी जैसी घटनाओं को रोकने के लिए समाजवादी सरकार में 1090 वूमेन पावर लाइन सेवा शुरू की गई थी जिसकी प्रशंसा अन्य प्रदेशों तक में हुई थी, उसको भी बर्बाद कर दिया गया।
अखिलेश ने कहा कि प्रदेश भर में भाजपा सरकार और उसके नेतृत्व द्वारा संरक्षित अपराधी अराजकता मचाए हुए हैं। त्रस्त जनता अपना धैर्य खो चुकी है। राज्य की पीड़ित जनता को राजभवन की संवैधानिक उत्तरदायित्व निर्वहन की जिम्मेदारी का इंतजार है। (एजेंसी, हि.स.)
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