हिंदू धर्म में पौष अमावस्या तिथि को विशेष महत्व दिया जाता हैं, आज यानी 13 जनवरी 2021 को पौष अमावस्या हैं यह साल की पहली अमावस्या भी हैं पंचांग के मुताबिक पौष मास में कृष्ण पक्ष की आखिरी तिथि को पौश अमावस्या कहा जाता हैं शास्त्र में अमावस्या का विशेष महत्व बताया गया हैं क्योंकि इस दिन कई धार्मिक कार्य किए जाते हैं ।
1. अमावस्या की शाम को अपने घर के ईशान कोण में एक घी का दीपक जलाएं। उसमें केसर डाल दें। ध्यान रहे कि दीपक में गाय के घी का प्रयोग करें और उसमें लाल रंग की बत्ती लगाएं। ऐसा करने से आप पर माता लक्ष्मी प्रसन्न हो सकती हैं और आपके जीवन में धन का अभाव खत्म हो सकता है।
2. अमावस्या के प्रात:काल में नदी या सरोवर में स्नान करें। फिर आटे की गोलियां बनाकर मछलियों को खिला दें। इससे आपके जीवन की परेशानियों को दूर करने में मदद मिल सकती है।
3. अमावस्या के दिन अपने पितरों का ध्यान करके घर पर ब्राह्मणों को भोजन कराएं। स्नान के बाद पितरों को जल दें। ऐसा करने से पितर प्रसन्न होते हैं और वे अपने वंश को सुखी जीवन का आशीष देते हैं।
4. अमावस्या को भूखे जीवों को भोजन कराना पुण्य का काम होता है। इस दिन कौआ, कुत्ता, गाय आदि को भोजन दें। ऐसी मान्यता है कि यदि वे जीव भोजन ग्रहण कर लेते हैं, तो पितर तृप्त होते हैं। वे आशीष देते हैं।
5. कालसर्प दोष से मुक्ति के लिए भी अमावस्या के दिन उपाय किए जाते हैं। इस दिन चांदी के बने नाग-नागिन की पूजा करें तथा उन्हें बहते जल में प्रवाहित कर दें
अमावस्या के दिन पितरों की शांति के लिए तर्पण व श्राद्ध किया जाता है इसके अलावा पितृदोष और कालसर्प दोष से मुक्त के लिए व्रत और सरल उपाय किए जाते हैं तो आज हम आपको उन्हीं उपायों के बारे में बताने जा रहे हैं तो आइए जानते हैं।
ज्योतिष अनुसार अमावस्या तिथि को धार्मिक और आध्यात्मिक चिंतन मनन के लिए बहुत ही शुभ माना जाता हैं इस दिन सूर्य और चंद्रमा एक ही राशि में होते हैं वैदिक ज्योतिष के मुताबिक जिस तरह से अमावस्या तिथि के दिन चंद्रमा किसी को दिखाई नहीं देता है और इसका प्रभाव बहुत कम हो जाता हैं उसी तरह से अमावस्या के दिन जन्म लेने वाले लोगों की कुंडली में चंद्र दोष हो सकता हैं जिसके कारण व्यक्ति का चंद्रमा प्रभावशाली नहीं रहता हैं।जानिए सरल उपाय-
अमावस्या के दिन दोपहर के समय पितरों के नाम से तिल जल से पितरों का पूजन करना चाहिए। पीपल का पूजन करें और परिक्रमा करें। जरूरतमंदों या गरीबों को भोजन और धन का दान दें। गाय को रोटी खिलाएं। हनुमान चालीसा या सुंदरकांड का पाठ करें।पौष अमावस्या के दिन किसी नदी या तालाब में स्नान करना चाहिए। स्नान करने के लिए सबसे पहले तांबे के पात्र में शुद्ध जल से सूर्यदेव को जल देना चाहिए।
जल में लाल पुष्प या लाल चंदन डालना उत्तम माना जाता है सूर्य देव को जल देने के बाद पितरों को तर्पण देना चाहिए। मान्यताओं के मुताबिक पितृदोष से पीड़ित लोगों को पौष अमावस्या के दिन पितरों के मोक्ष प्राप्ति के लिए व्रत रखना चाहिए।
नोट – उपरोक्त दी गई जानकरी व सुझाव सामान्य जानकारी के लिए हैं इन्हें सिर्फ सामान्य सूचना के अनुसार ही लिया जान चाहिए ।
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