इस बार 14 जनवरी 2021 को मकर संक्रांति मनाया जाएगा। मकर संक्रांति के दिन सूर्य धनु राशि छोड़कर मकर राशि में प्रवेश करते है। इस दिन जब सूर्य राशि परिवर्तन करते हैं। इसी समय का विशेष महत्व होता है। इस साल मकर संक्रांति पर विशेष योग बन रहा है, क्योंकि सूर्य के साथ पांच ग्रह मकर राशि में विराजमान रहेंगे। सभी ग्रहों का विशेष महत्व होता है।इस दिन पवित्र नदियों में स्नान-दान, पूजा का विशेष महत्व होता है।
शुभ समय
मकर संक्रांति पर इस बार 5 ग्रह एक साथ जुट रहे हैं। इसलिए इस दिन 5 ग्रही संयोग बनने जा रहा है। इस दिन मकर संक्रांति पर सूर्य, शनि, बृहस्पति, बुध और चंद्रमा का गोचर मकर राशि में रहेगा। पंचांग के अनुसार मकर संक्रांति के दिन सूर्योदय सुबह 7 बजकर 15 मिनट 13 सेकेंड पर होगा। वहीं शाम 5 बजकर 45 मिनट पर सूर्य देव अस्त होंगे। मकर संक्रांति पर पुण्यकाल 9 घंटे से अधिक समय तक रहेगा। 14 जनवरी को मकर संक्रांति पर सूर्य देव सुबह 8 बजकर 20 मिनट के करीब धनु राशि से मकर राशि में प्रवेश करेंगे। पंचांग के अनुसार मकर संक्रांति का पुण्यकाल सूर्यास्त तक रहेगा।
मेष- सुखदायक, वृष-धर्म में कमी, मिथुन-कष्टदायक, कर्क- पीड़ाकारक, सिंह- शत्रुनाश, कन्या- कष्टदायक, तुला- हानिकारक, वृश्चिक- धन लाभ, धनु- राजभय, मकर- चिंता, कुंभ- पीड़ा, मीन-धन लाभ। मेष, कर्क, वृश्चिक राशि के जातकों के लिए तांबा का पाया होने से श्रेष्ठ फलदायी है।वृष, कन्या, धनु राशि के जातकों के लिए चांदी का पाया होने से सर्वश्रेष्ठ फलदायक है।मिथुन, तुला, कुंभ राशि वालों के लोहा का पाया होने के कारण मध्यम फलदायक है। सिंह, मकर और मीन राशि के जातकों के लिए सोना का पाया होने के कारण अशुभ फलदायक रहेगी।
मकर संक्रांति को उत्तरायण के नाम से भी जाना जाता हैं जिसमें सूर्य मकर राशि में प्रवेश करता हैं। इस दिन सूर्यदेव की पूजा का महत्व माना जाता हैं जिनके आशीर्वाद से आपके जीवन का दुर्भाग्य दूर होता हैं। कुछ उपाय इस दिन करें किस्मत को चमकेगी।जानते हैं उन उपायों के बारे में…
लाभ ही लाभ
मकर संक्रांति की सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि कामों से निपट कर सूर्य को अर्घ्य दें। अब पूर्व दिशा की ओर मुख करके कुश के आसन पर बैठकर रुद्राक्ष की माला से “ऊं आदित्याय विदमहे दिवाकराय धीमहि तन्नो सूर्य: प्रचोदयात्” मंत्र का जाप करें। कम से कम 5 माला जाप अवश्य करें। इस प्रकार मंत्र जाप करने से जीवन की हर परेशानी दूर हो जाएगी। यदि इस मंत्र का जप प्रत्येक रविवार को किया जाए तो और भी जल्दी लाभ होता है।
मन की हर इच्छा पूरी
मकर संक्रांति को सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि करने के बाद उगते हुए सूर्य को तांबे के लोटे से अर्घ्य दें। पानी में कुंकुम तथा लाल रंग के फूल भी मिलाएं तो और भी शुभ रहेगा। अर्घ्य देते समय ऊं घृणि सूर्याय नम: मंत्र का जाप करते रहें। इस प्रकार सूर्य को अर्घ्य देने से मन की हर इच्छा पूरी हो सकती है।
गुड़ एवं कच्चे चावल
मकर संक्रांति पर गुड़ एवं कच्चे चावल बहते हुए जल में प्रवाहित करना शुभ रहता है। अगर सूर्यदेव को प्रसन्न करना हो तो पके हुए चावल में गुड़ और दूध मिलाकर खाना चाहिए। ये उपाय करने से भी सूर्यदेव प्रसन्न होते हैं और शुभ फल प्रदान करते हैं।
मकर संक्रांति पर दान करने का विशेष महत्व है। अगर आप चाहते हैं कि भाग्य आपका साथ दे तो इस दिन कंबल, गर्म वस्त्र, घी, दाल-चावल की कच्ची खिचड़ी आदि का दान करें। गरीबों को भोजन करवाएं तो और भी जल्दी आपकी मनोकामना पूरी होगी।
कुंडली दोष
ज्योतिष के अनुसार, तांबा सूर्य की धातु है। मकर संक्रांति पर तांबे का सिक्का या तांबे का चौकोर टुकड़ा बहते जल में प्रवाहित करने से कुंडली में स्थित सूर्य दोष कम होता है। इसके साथ-साथ लाल कपड़े में गेहूं व गुड़ बांधकर दान देने से भी व्यक्ति की हर इच्छा पूरी हो सकती है।
पंचोपचार पूजा करें और गुड़ का भोग
मकर संक्रांति की सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि करने के बाद पूर्व दिशा में मुख करके कुश के इसके बाद सूर्यदेव की पंचोपचार पूजा करें और गुड़ का भोग लगाएं। पूजा में लाल फूल का उपयोग अवश्य करें। इसके बाद लाल चंदन की माला से नीचे लिखे मंत्र का जाप करें। “मंत्र- ऊं भास्कराय नम:“। कम से कम 5 माला जाप अवश्य करें।
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