भोपाल। देश और दुनिया में मशहूर करेली के गुड़ और गाडरवारा की तुअर दाल ने भोपाल में धूम मचा दी है। यहां भोपाल हाट में लगा तीन दिवसीय गुड़ मेला रविवार को समाप्त हो गया। मेला में किसानों द्वारा लाये गये 200 क्विंटल से अधिक गुड़ और 50 क्विंटल तुअर दाल हाथों हाथ बिक गई। इन जैविक उत्पादों की डिमांड देखते हुए अनेक किसानों ने आपने उत्पाद फिर बुलाये है। गुड़ मेला खत्म होने के बाद संक्रांति मेले में 13 जनवरी तक ये उत्पाद उपलब्ध कराए जाएंगे।
दरअसल, “एक जिला एक उत्पाद” की अवधारणा को लेकर भोपाल में 08 से 10 जनवरी तक गुड़ मेले का आयोजन किया गया। इसमें मुख्य आकर्षण नरसिंहपुर जिले के करेली का गुड़ एवं गाडरवारा की तुअर दाल रही । नागरिको द्वारा उनके उत्पाद खरीदकर गुड़ एवं दाल उत्पादक किसानों को जैविक खेती हेतु किसानों को प्रोत्साहित किया। कृषक राकेश दुबे, करताज एवं कृष्ण पाल सिंह चिरचिटा द्वारा जैविक गुड़ उत्पादन पद्धति के बारे में अवगत कराया ।
नरसिंहपुर जिले से 40 कृषकों द्वारा 20 स्टाल गुड़, तुअर दाल के लगाए गए, जिसमें गुड़ विभिन्न फ्लेवर्स काली मिर्च, इलायची, अदरक, आंवला में उपलब्ध है। विभिन्न आकार के गुड़, ब्राउन शुगर (गुड पाउडर) एवं राब (शीरा)विक्रय हेतु विभिन्न पैकिंग में उपलब्ध थे। नरसिंहपुर जिले के 40 से 50 किसानों से स्व सहायता समूहों और एफपीओ द्वारा पारंपरिक तरीके से तुअर की देशी प्रजातियां और शोध के बाद तैयार की गई नवीनतम प्रजातियों से तुअर उत्पादन करते हैं। गाडरवारा की दाल शीघ्र पकने के लिए मशहूर है इसके साथ-साथ मध्य प्रदेश के विभिन्न जिलों के स्व सहायता समूह अपने उत्पाद यहां लेकर विक्रय एवं प्रदर्शन किया। (एजेंसी, हि.स.)
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