उज्जैन। प्रशासन ने अवैध व बिना लाइसेंस के कॉलोनी काटने वाले कई कॉलोनजरों के खिलाफ कार्रवाई कर उन्हें सलाखों में डाला है, लेकिन शहर के ऐसे कई नामी बिल्डर जो अवैध कालोनियां खड़ी कर लिस्ट में सबसे नंबर 1 के पायदान पर बैठे हुए हैं। उन पर प्रशासन की गाज नहीं गिर रही है हैं ऐसा ही एक बड़ा भू-माफिया महेश परियानी है जो बरसों से शहर में अनगिनत कालोनियां काट चुका है और अगर इन कालोनियों की जांच करवाई जाए तो इसके द्वारा की गई कई धांधली उजागर हो सकती है, लेकिन इस भू-माफिया पर रसूखदारों का हाथ है इसलिए अभी तक इस पर शिकायत के बाद भी कोई कार्यवाही नहीं हो पाई है।
अगर इस भू-माफिया की प्रशासनिक अधिकारी कुंडली निकलवा कर खंगाले तो कई चौंकाने वाले राज सामने आ सकते हैं। सालों से इस भू-माफिया ने उज्जैन में शरण ले रखी है तथा यह परदेसी बाबू के नाम से मशहूर है। 20 साल पहले यह आकर शहर के एक किनारे नानाखेड़ा क्षेत्र में ऑफिस खोल कर बैठा रहा और प्रशासन की आंखों में धूल झोंक कर अभी तक अरबों रुपए की संपत्ति अर्जित कर चुका है। इसका उज्जैन से कोई वास्ता नहीं है इसके जितने भी बड़े कार्य होते हैं वह सब बाहर से होते हैं सिर्फ कमाने के उद्देश्य से यह उज्जैन में डटा हुआ है। उज्जैन में काबिज होने के बाद इस भू माफिया ने अपना जाल ऐसा बुना की सबको पीछे छोड़ दिया।
अभी तक कई कालोनियां यह शहर में निर्मित कर अपने मकसद में कामयाब हो चुका है, लेकिन प्रशासन की नजरों से अभी भी बचा हुआ है, जबकि यही ऐसा मुख्य भू-माफिया है जिसने अवैध कालोनियां काटने का चलन शुरू किया था। शहर की ऐसी कोई जगह नहीं है जहां पर इसने कॉलोनी नहीं काटी है। यह कई किसानों को अपने मकसद का शिकार बना चुका है। तथा दबंगाई से कई किसानों की इसने जमीन हड़प कर उस पर कॉलोनी काटने का षड्यंत्र भी रचा है यही नहीं यह ऐसा चर्चित भू माफिया है जो आज शहर में नंबर वन की लिस्ट में पहुंच गया है, जबकि कई बार इसके खिलाफ जिन लोगों ने इस भूमाफिया से मकान खरीदा उन्होंने आवाज उठाई कॉलोनी का डेवलपमेंट भी इस तरह किया गया कि बारिश का पानी उनके घरों में पहुंच रहा है और भी कई कालोनियों में खामियों की शिकायत नगर निगम तक पहुंची, लेकिन इसके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हो पाई, लेकिन उन शिकायतों पर किसी ने गौर नहीं किया और अभी भी यह अपने मकसद में लगातार कायम हो रहा है।
बिल्डर परियानी के खिलाफ प्रशासनिक अधिकारियों के पास 1 दर्जन से अधिक शिकायत पहुंच गई है जिसमें शासकीय जमीन पर कब्जा, नाले पर कब्जा, सीलिंग की जमीन पर कॉलोनी का निर्माण सहित कॉलोनी में रहने वाले लोगों ने कॉलोनी के डेवलपमेंट को लेकर शिकायत की, इसके अलावा इंदौर रोड पर परियानी द्वारा काटी गई तिरुपति पैराडाइस कॉलोनी का मामला भी ईओडब्ल्यू में चल रहा है इस मामले में केस भी दर्ज हो चुका है जिसकी जांच अभी चल रही है।
वही तिरुपति ड्रीम में भी ग्राम दाऊद खेड़ी के सरपंच ने इस भू-माफिया पर शासकीय तालाब नाले पर कब्जे की शिकायत की थी वही महाडिक ने जो जमीन परियानी को बेची थी उसके पहले ही महाडिक कई लोगों को भूखंड बेच चुका था, जबकि यह भू-माफिया को भी पता था लेकिन उसके बाद भी महाडिक से परियानी ने यह जमीन खरीदकर कॉलोनी काट दी।
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