शिशु की बढ़ती उम्र के साथ-साथ उनके खान-पान पर ध्यान देना भी जरूरी है। वहीं, बच्चे स्वभाव से चंचल होते हैं, जिस कारण खाने-पीने में आनाकानी करते हैं। जब भी बच्चों को कुछ खिलाने की कोशिश की जाए, तो वो भूख न होने की बात कह कर खाने से बचते हैं। अगर शिशु पेट भर कर खाना नहीं खा रहा, तो इसके पीछे साधारण से लेकर कुछ गंभीर कारण हो सकते हैं। इन कारणों और इस समस्या से जुड़े उपाय के बारे में तो आइये जानतें हैं –
बच्चों को भूख न लगने के लक्षण
कुछ खास लक्षण होते हैं, जिनसे यह पता लगाया जा सकता है कि बच्चों में भूख की कमी हो रही है, जैसे (1):
एक महीने तक भूख की कमी।
खाना खत्म करने में समय लगाना।
स्वयं खाना खाने से मना करना।
खाते समय नखरे करना या चिड़चिड़ाना (stressful mealtime)।
आधी रात को खाने की जिद करना।
अधिक समय तक स्तनपान या बोतल से दूध पीने की जिद करना।
समय और उम्र के साथ आहार की मात्रा का न बढ़ना।
बच्चों की भूख बढ़ाने के 5 घरेलू उपाय
आयरन युक्त आहार :
आयरन की कमी के कारण भी बच्चों में भूख की कमी हो सकती है। ऐसे में आहार में आयरन युक्त खाद्य पदार्थों को शामिल करने से फायदा हो सकता है। ऐसे में, बच्चे के आहार में आयरन के स्रोत जैसे पालक, साबुत अनाज, पास्ता, चावल, मटर, चने व ब्रोकली आदि को शामिल किया जा सकता है ।
विटामिन-सी युक्त आहार :
जब आप बच्चे को आयरन युक्त आहार दें, तो उसके साथ विटामिन-सी युक्त खाद्य पदार्थ देना भी जरूरी है। विटामिन-सी शरीर में आयरन को अवशोषित (absorption) करने में मदद करता है। विटामिन-सी के लिए टमाटर, संतरे, स्ट्रॉबेरी आदि जैसे फल बच्चे को खिला सकते हैं ।
सोआ/डिल (Dill):
यह एक प्रकार की हर्ब होती है, जो बच्चों के पेट से जुड़ी समस्याओं, जैसे – भूख की कमी, गैस व अपच आदि से राहत दिलाने में मदद कर सकती है। इसे सूप में मिलाकर बच्चे को दिया जा सकता है। अन्य हर्ब्स की तरह इसे मसालों में भी उपयोग किया जा सकता है ।
नोट – उपरोक्त दी गई जानकारी व सुझाव सामान्य जानकारी के लिए हैं इन्हें किसी प्रोफेशनल डॉक्टर की सलाह के रूप में न समझें कोई भी बीमारी या परेंशानी होने की स्थिति हो तो डॉक्टर की सलाह जरूर लें ।
©2024 Agnibaan , All Rights Reserved