बीजिंग । चीन (China) में बढ़ते कोरोना वायरस के प्रसार के मद्देनजर नियमों को और सख्त कर दिया गया है। चीन ने दूसरे देशों की यात्रा के नियमों को और सख्त कर दिया है। चीन की इसकी सख्ती का असर भारतीय छात्रों पर भी पड़ेगा। चीनी विश्वविद्यालयों में प्रवेश लेने वाले भारतीय छात्रों को वापस जाने की अनुमति फिलहाल नहीं होगी।
चीन में भारतीय दूतावास ने एक बयान में कहा कि छात्रों को सूचित किया गया है कि चीनी अधिकारियों ने उनके सख्त महामारी नियंत्रण उपायों का हवाला देते हुए भारत और चीन के बीच किसी भी चार्टर्ड उड़ानों के संचालन की अनुमति से इन्कार कर दिया है। इसलिए छात्रों को चीन लौटकर अपनी पढ़ाई जारी रखने के लिए अभी थोड़ा इंतजार करना होगा। हालांकि, दूतावास ने सलाह दी है कि भारतीय छात्र चीन लौटने की संभावनाओं के संबंध में किसी भी जानकारी से अपडेट रहने के लिए अपनी वेबसाइटों और सोशल मीडिया चैनलों पर नजर रखें। छात्रों को किसी भी अपडेट के लिए अपने संबंधित विश्वविद्यालयों के साथ संपर्क में रहने की भी सलाह दी गई है।
वुहान शहर से बाहर जाने को लेकर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा हुआ है। वुहान में करीब एक करोड़ से ज्यादा की आबादी है। हुबेई प्रांत के अन्य हिस्सों में भी ये लॉकडाउन कर दिया गया है। यहां कारोबार संबधी यात्राओं और लोगों की आवाजाही पर रोक लगी हुई है। वायरस से डर के कारण लोग बाहर जाने से भी बच रहे हैं। साल भर पहले वुहान के वायरॉलॉजी संस्थान या मांस बाजार से कोरोना वायरस फैला था। इसके बाद उसका प्रसार पूरी दुनिया में हुआ। चीन ने कई हफ्ते पहले इस सच्चाई को नकारने की भूमिका बनानी शुरू की। अब वह अपने मीडिया के जरिये जोर-शोर से यह झूठ प्रचारित करने में जुट गया है कि कोरोना वायरस किसी अन्य देश में पैदा हुआ और वहां से चीन आया।
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