पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय में एक अलग ही प्रकार का मामला सामने आया है जिसमे दो बच्चों की मां ने प्रेमी के साथ रहने के लिए पति और ससुराल वालों से जान का खतरा बताते हुए उच्च न्यायालय में याचिका दाखिल कर सुरक्षा की मांग की। लेकिन उच्च न्यायालय ने उस पर 25000 रुपये का जुर्माना लगाते हुए उसकी याचिका खारिज कर दी।
रोहतक निवासी महिला ने याचिका दाखिल करते हुए उच्च न्यायालय को बताया कि उसका विवाह 2008 में हुआ था। विवाह के बाद से वह अपने ससुराल में अपने पति संग रह रही थी और उसके दो बच्चे भी हुए। 22 अगस्त को वह अपने एक दोस्त सुमित के साथ घर से चली गई। जिसके बाद से वह अपने दोस्त के साथ झज्जर में किसी अज्ञात जगह पर रह रही है।
याचिकाकर्ता ने बताया कि वह अपने साथी के साथ ही रहना चाहती है मगर उसे उसके पति व ससुराल वालों से जान का खतरा है। याचिकाकर्ता ने उच्च न्यायालय से अपील की कि उसे उसके साथी के साथ रहने के लिए सुरक्षा दी जाए जिससे वे बिना किसी डर के अपना जीवन व्यतीत कर सके।
याचिकाकर्ता को यह डर है उसका पति व उसके ससुराल वाले उसे व उसके साथी को नुकसान पहुंचा सकते हैं। इसी कारण से पति व ससुराल वालों से सुरक्षा के लिए याचिकाकर्ता ने उच्च न्यायालय में याचिका दाखिल कर दी। उच्च न्यायालय ने इस याचिका को खारिज करते हुए याचिकाकर्ता पर 25000 रुपये का जुर्माना लगा दिया है। यह अपने तरह का एक अलग ही केस है, जिसमें इस तरह की परिस्तिथियां उत्पन्न हुई हो।
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