जबलपुर। मध्यप्रदेश में ओबीसी वर्ग को फिलहाल 14 फीसदी आरक्षण ही मिल सकेगा। जबलपुर हाईकोर्ट ने प्रदेश में ओबीसी को 27 फीसदी आरक्षण पर लगी रोक बरकरार रखी है। इस मामले पर अंतिम सुनवाई 17 फरवरी को होगी। ओबीसी आरक्षण से जुड़ी याचिकाओं पर शुक्रवार को एक साथ सुनवाई करते हुए जबलपुर हाईकोर्ट ने अपने अंतरिम आदेश को बरकरार रखा है। कोर्ट ने इस मामले पर अंतिम बहस की सुनवाई तय कर दी है। करीब 1 घण्टे तक सभी पक्षों को सुनने के बाद हाईकोर्ट ने तय किया है कि 4 हफ्ते बाद अब मामले पर फायनल हियरिंग यानि अंतिम बहस सुनी जाएगी।
50 फीसदी से ज़्यादा आरक्षण नहीं
कमलनाथ सरकार ने ओबीसी वर्ग का आरक्षण 14 से बढ़ाकर 27 फीसदी कर दिया था। सरकार के उस फैसले को जबलपुर हाईकोर्ट में चुनौती दी गई थी। आरक्षण का प्रतिशत बढ़ाने के फैसले के खिलाफ दायर की गई याचिकाओं में कहा गया है कि राज्य सरकार ने ओबीसी आरक्षण 14 से बढ़ाकर 27 करके आरक्षण प्रावधानों का उल्लंघन किया है। याचिकाओं में ये भी कहा गया है कि सुप्रीम कोर्ट ने इंदिरा साहनी मामले में दिए गए फैसले में साफ किया था कि ओबीसी, एसटी और एससी वर्ग सबको मिलाकर कुल 50 प्रतिशत से अधिक आरक्षण नहीं दिया जा सकता। लेकिन प्रदेश सरकार द्वारा ओबीसी आरक्षण बढ़ाकर 27 फीसदी करने से आरक्षण का दायरा 63 प्रतिशत पहुंच गया है। इससे पहले याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने एक अंतरिम आदेश देते हुए बढ़ा हुआ 27 फीसदी आरक्षण देने पर रोक लगा दी थी। इसे हाईकोर्ट ने जारी रखा है।
©2024 Agnibaan , All Rights Reserved