एसडीएम सुनील झा सहित एसएलआर अनिल मेहता भी रहे कलेक्टर के निशाने पर
इंदौर। राजस्व प्रकरणों के निराकरण को लेकर कलेक्टर मनीष सिंह ने जहां सख्ती की, वहीं लगातार समीक्षा भी की जा रही है। कल उन्होंने दफ्तर के बजाय एबी रोड स्थित होटल श्रीमाया सेलिब्रिटी में बैठक बुलाई, जिसमें सभी अपर कलेक्टर, एसडीएम, तहसीलदार, राजस्व निरीक्षक से लेकर रीडर तक मौजूद रहे। एक राजस्व निरीक्षक से शहर के चर्चित भूमाफिया के घर का पता पूछा तो उसकी सिट्टी-पिट्टी गुम हो गई। उसे फटकार भी लगाई कि अब इस तरह के लोगों से सम्पर्क पूरी तरह बंद कर दें।
कलेक्टर मनीष सिंह ने पिछले दिनों अपने कार्यालय के साथ-साथ निगम, प्राधिकरण और नगर तथा ग्राम निवेश से भी बिचौलियों की छुट्टी करवाई और राजस्व अमले को कड़े निर्देश दिए कि वे पूरे समय दफ्तर में मौजूद रहकर नामांतरण, सीमांकन, बंटवारे से लेकर अन्य काम निपटाएं। कल राजस्व अभियान की समीक्षा करते हुए कलेक्टर मनीष सिंह ने उन अधिकारियों-कर्मचारियों को कड़ी फटकार लगाई जो शहर के चर्चित भूमाफिया व जमीनी जादूगरों के सम्पर्क में रहते हैं। एक राजस्व निरीक्षक राजेश राठौर से उन्होंने पूछ भी लिया कि फलां भूमाफिया कहां रहता है? इसके चलते निरीक्षक की तो सिट्टी-पिट्टी गुम हो गई, वहीं कलेक्टर ने घर का पता बताते हुए यह भी कहा कि वह फलां व्यक्ति के मकान में किराए से रह रहा है। उल्लेखनीय है कि उक्त चर्चित भूमाफिया कई गृह निर्माण संस्थाओं की जमीनें हड़प चुका है और प्राधिकरण की योजनाओं में शामिल जमीनों में भी अफरा-तफरी की। हिना पैलेस सहित कई विवादित कालोनियों में भी इसी भूमाफिया का हाथ रहा है। कलेक्टर ने दो टूक कहा कि ऐसे भूमाफियाओं के साथ पूरी तरह से संबंध खत्म कर दें। उनके पास सारी जानकारी रहती है। वहीं एसडीएम सुनील झा को भी फटकार लगाई। पूर्व में भी उनकी ढीली-ढाली कार्यप्रणाली पर कलेक्टर नाराज हो चुके हैं। वहीं एसएलआर अनिल मेहता भी कलेक्टर के निशाने पर रहे। एक और राजस्व निरीक्षक के अलावा कुछ रीडरों को भी उन्होंने डपटा, जिनके पास लम्बित प्रकरण ज्यादा हैं। अपर कलेक्टर मयंक अग्रवाल ने प्रजेंटेशन देकर बताया कि 15 नवम्बर से अभी तक कितने प्रकरण निपटे। इस बैठक में पूरा राजस्व अमला मौजूद रहा। कई को फटकार पड़ी तो किसी के कार्य की सराहना भी कलेक्टर मनीष सिंह ने की।
83 फीसदी तक निपटे लम्बित राजस्व प्रकरण
अधिकारियों ने बताया कि नवम्बर माह से जो अभियान शुरू किया गया उसके चलते 32 हजार से अधिक प्रकरण निराकृत हो चुके हैं। पहले 46 प्रतिशत था, अब 83 फीसदी तक निराकरण का प्रतिशत पहुंच गया है।
1180 प्रकरण रीडरों के पास भी मिले लम्बित
कलेक्टर ने एक-एक राजस्व अधिकारी के पास लम्बित प्रकरणों की जानकारी ली, जिसमें रीडरों के पास 1180 और पीठासीन अधिकारियों के पास 1080 प्रकरण लम्बित बताए गए। सबसे ज्यादा 105 प्रकरण नायब तहसीलदार खुड़ैल रीडर के पास लम्बित मिले तो कनाडिय़ा, अपर कलेक्टर जैन व बेड़ेकर के प्रकरण शून्य रहे।
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