नई दिल्ली। विकेटकीपर बल्लेबाज ऋषभ पंत (Rishabh Pant) निशाने पर हैं। भारत और ऑस्ट्रेलिया (India bvs Australia) के बीच सिडनी टेस्ट (Sydney Test) के पहले दिन उन्होंने दो कैच टपकाए। दोनों बार उन्होंने ऑस्ट्रेलिया के नए-नवेले बल्लेबाज विल पुकोवस्की (Will Pucovski) को जीवनदान दिया। इन जीवनदान का फायदा उठाकर पुकोवस्की ने पहले ही टेस्ट में अर्धशतक लगा दिया। इसके साथ ही एक बार फिर से पंत की कीपिंग पर पहले से लगा हुआ सवालिया निशान और गहरा हो गया। वे पहले से ही कीपिंग स्किल्स को लेकर निशाने पर हैं और सिडनी टेस्ट के पहले दिन के खेल के बाद तो उनके चयन पर गंभीर सवाल उठ रहे हैं।
क्रिकेट एनालिसिस करने वाले वेबसाइट क्रिकविज के अनुसार, साल 2018 की शुरुआत के बाद से ऋषभ पंत ने हरेक टेस्ट में 0.86 की औसत से कैच छोड़े हैं। यानी हर टेस्ट में कम से कम एक कैच तो टपकाया ही है। आंकड़े के मुताबिक, 2018 से अभी तक जितने भी विकेटकीपरों ने कम से कम 10 टेस्ट खेले हैं, उसमें पंत का रिकॉर्ड सबसे खराब है। सिडनी टेस्ट में अभी ऑस्ट्रेलिया की पहली पारी पूरी नहीं हुई है। इस लिहाज से आशंका है कि पंत की कीपिंग की कमजोरी टीम इंडिया के लिए भारी पड़ सकती है।
पंत ने 10 मिनट में दो कैच छोड़े : सिडनी टेस्ट के पहले दिन पंत ने 10 मिनट के अंदर दो बार पुकोवस्की के कैच टपकाए। ये दोनों ही कैच मुश्किल नहीं थे। सबसे पहले उन्होंने रविचंद्रन अश्विन की गेंद पर कैच छोड़ा। यह घटना ऑस्ट्रेलियाई पारी के 22वें ओवर में हुई। उस समय पुकोवस्की 26 रन पर थे। अश्विन की गेंद ने पुकोवस्की के बल्ले का किनारा लिया और पंत के दस्तानों की तरफ गई। लेकिन पंत के हाथ जल्दी बंद हो गए। इससे गेंद छिटक गई और आसान सा मौका हाथ से निकल गया।
पंत की कीपिंग पर उठे सवाल : पंत के कैच टपकाने के बाद सोशल मीडिया के जरिए कई लोगों ने नाराजगी जाहिर की। कहा गया है कि कब तक भारत के गेंदबाज 10 के बजाय 13 विकेट लेंगे। यानी पंत के 2-3 कैच छोड़ने के बाद उन्हें दोबारा विकेट लेना पड़ेगा। वहीं कुछ ने कहा कि भारतीय टीम मैनेजमेंट को यह तय करना होगा कि पंत बल्लेबाज हैं या विकेटकीपर।
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