भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मंत्रियों को दलालों से दूर रहने की नसीहत दी है। दरअसल दो दिन पहले मंत्रियों के साथ अनौपचारिक बैठक में जब शिक्षा विभाग पर चर्चा हुई, तब मुख्यमंत्री को यह कहना पड़ा था कि दलालों से दूर रहें। क्योंकि कमलनाथ सरकार में ताबड़तोड़ तबादले हुए थे। तबादलों में दलालों की खासी भ्ूामिका रही थी। वही लोग अब फिर से मंत्रियों के यहां हाजिरी लगा रहे हैं। पिछली सरकार ने शिक्षा विभाग की ऑनलाइन नीति होने के बावजूद भी ऑफलाइन तबादले किए। जिससे कई जिलों में सैंकड़ों स्कूल शिक्षक विहीन हो गए थे। खास बात यह है कि तब शिक्षा मंत्री प्रभुराम चौधरी थे, वे अब शिवराज सरकार में स्वास्थ्य मंत्री हैं। प्रभुराम चौधरी स्वास्थ्य विभाग में ‘आउट ऑफ टर्नÓ पोस्टिंग को एक बार फिर चर्चा में है। इस बार उन्होंने किसी कर्मचारी या अधिकारी की पोस्टिंग नहीं की है। बल्कि उन्होंने अपनी डॉक्टर पत्नी नीरा चौधरी को ही एक हजार डॉक्टरों के ऊपर बैठा दिया है। जिससे डॉक्टरों में खासी नाराजगी है। हाल ही में स्वास्थ्य संचालनालय ने एक आदेश जारी किया है जिसके तहत स्वास्थ्य मंत्री प्रभुराम चौधरी की डॉक्टर पत्नी को प्रभारी जिला स्वास्थ्य अधिकारी से सीधे संयुक्त संचालक बना दिया। जबकि उनकी पत्नी से वरिष्ठ 1000 से ज्यादा डॉक्टर लाइन में है। डॉक्टरों ने स्वास्थ्य आयुक्त के समक्ष विरोध भी दर्ज कराया है। उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री ने 4 जनवरी को मंत्रियों की बैठक में शिक्षा विभाग में तबादला नीत का जिक्र करते हुए नसीहत दी कि तबादला करते समय दलालों से सावधान रहें। यह भी मामला उठा था कि शिक्षा विभाग में जिस तरह से तबादल किए गए थे, उससे कई स्कूल खाली हो गए थे।
शहरों से गांव जाएंगे शिक्षक
शिक्षकों की नई तबादला नीति में गांव से शहरों में तबादले नहीं होंगे। विशेष परिस्थितयों में ही शहरी क्षेत्रों में तबादले होंगे। जबकि शहरों में सालों से जमे और जिन स्कूलों में शिक्षकों की संख्या ज्यादा है। उन्हें शहरी क्षेत्र से ग्रामीण क्षेत्र में भेजा जाएगा।
इन जिलों में शिक्षक विहीन हैं स्कूल
प्रभुराम चौधरी ने शिक्षा मंत्री रहते शहडोल, उमरिया, झाबुआ, शिवपुरी, अलीराजपुर एवं अन्य जिलों में शिक्षकों के तबादले किए थे। खास बात यह है कि उस समय तबादला करते समय स्कूलों में शिक्षकों की संख्या का ध्यान नहीं रखा गया। यही वजह रही ग्रामीण क्षेत्र से शहरी क्षेत्र और छोटे जिलों से बड़े जिलों में बड़ी संख्या में शिक्षकों के तबादले किए गए थे। शिक्षकों के तबादलों के लिए प्रदेश भर से नेताओं की भीड़ भेापाल पहुंची थी।
सीएमओ तक पहुंचा मंत्री की पत्नी का मामला
स्वास्थ्य मंत्री की पत्नी को प्रभारी जिला चिकित्सा अधिकारी से सीधे संयुक्त संचालक बनाए जाने का मामला मुख्यमंत्री तक पहुंच गया है। सूत्रों ने बताया कि सीएमओ ने स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों से मंत्री की डॉक्टर पत्नी को संयुक्त संचालक बनाए जाने की वजह भी जान ली है। संभवत: निकट भविष्य में चाय पर चर्चा के दौरान स्वास्थ्य मंत्री इस मामले में मुख्यमंत्री को सफाई दे सकते हैं।
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