नई दिल्ली। भाजपा प्रमुख जे.पी. नड्डा द्वारा पार्टी के पुनर्गठन के बाद अब सबकी नजर केंद्रीय मंत्रिमंडल में फेरबदल पर है। राज्यसभा के द्विवार्षिक चुनाव 14 दिसंबर को हो चुके हैं और किसानों के आंदोलन के कारण तब मंत्रिमंडल विस्तार टल गया था।
सूत्रों के मुताबिक मकर संक्रांति पर मंत्रिमंडल में संभावित फेरबदल के वक्त कुछ मंत्रियों की पतंग कट सकती है तो ज्योतिरादित्य सिंधिया सहित कई नये चेहरों को मौका मिलने की पूरी संभावना है। मंत्रिमंडल में प्रधानमंत्री सहित केवल 22 मंत्री और 32 राज्य मंत्री हैं। आठ मंत्रियों ने तीन से चार मंत्रालयों का कार्यभार संभाल रखा है। मोदी मंत्रिमंडल 78 सदस्यों का हो सकता है।
अरविंद सावंत (शिवसेना), हरसिमरत कौर (अकाली दल) के दल हट चुके हैं जबकि रामविलास पासवान (लोजपा) और सुरेश अंगाड़ी (भाजपा) का कोविड-19 के कारण निधन हो चुका है। जनता दल (यू) ने भी मोदी मंत्रिमंडल से दूरी बनाए रखी है। सदस्य संख्या को देखते हुए मंत्रिमंडल का आकार 78 सदस्यों का हो सकता है। मध्यप्रदेश की सत्ता भाजपा की झोली में डालने के कारण, मंत्रिमंडल में शामिल किए जाने वालों में ज्योतिरादित्य सिंधिया का नाम शीर्ष पर है। उनके समर्थक सारे विधायक शिवराज सरकार में शामिल हो चुके हैं, अब वक्त सिंधिया को अच्छा मंत्रालय देने का है।
मोदी मंत्रिमंडल में मुस्लिम चेहरे को मौका
मंत्रिमंडल में किसी मुस्लिम चेहरे को मौका मिल सकता है। इसका उद्देश्य मोदी के ‘सबका साथ, सबका विकास’ के संदेश को आगे बढ़ाना होगा। सुशील मोदी, वरुण गांधी, मुकुल राय सहित कुछ नाम हवा में तैर रहे हैं। चुनावों पर नजर मई 2021 और 2022 में कई राज्यों में विधानसभा चुनाव होने जा रहे हैं। ऐसे में उन राज्यों को प्रतिनिधित्व देना भी एक राजनीतिक जरूरत कही जा सकती है। सूत्रों के मुताबिक प्रधानमंत्री ने जनवरी में मंत्रिमंडल में फेरबदल नहीं किया तो यह संसद के बजट सत्र के बाद होगा
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