वॉशिंगटन । चीन से फैली कोरोना महामारी ने ना सिर्फ दुनियाभर के लाखों लोगों की जिंदगी ले ली बल्कि इसने अर्थव्यवस्था पर भी बुरा चोट किया है. कोरोना महामारी से सबसे ज्यादा प्रभावित अमेरिका की हालत तो और भी विकट हो गई है. दुनिया के सर्वाधिक संपन्न माने जाने वाले अमेरिका पर कोरोना वायरस का ऐसा असर हुआ है कि इसके चलते भारी संख्या में लोगों ने रोजगार खोए हैं. वहां पर अब भूख की समस्या खड़ी हो गई है. अमेरिका की सबसे बड़ी भूख राहत फीडिंग अमेरिकी रिपोर्ट के आंकड़ें इस बात की तसदीक कर रहे हैं.
इस रिपोर्ट की मानें तो अमेरिका में सिर्फ दिसंबर के महीने के आखिर में 5 करोड़ से अधिक लोग खाद्य असुरक्षा का सामना कर रहे थे. हालत ये हैं कि यहां पर हर चौथा अमेरिकी बच्चा भूखा रहने को मजबूर है. इस रिपोर्ट में आगे कहा गया है कि कोरोना के चलते लॉकडाउन के बाद जून के महीने से ही खाने के जरूरतमंदों के आंकड़ो में तेजी के साथ इजाफा हुआ है.
महामारी के दौरान न्यूयॉर्क फूड बैंक ने 7 करोड़ 7 लाख खाने के पैकेट बांटे हैं. यह किसी अन्य साल की तुलना में 70% ज्यादा है. ब्लैक समुदाय के लोगों की स्थिति और भी बुरी है. न्यूयॉर्क में 1 लाख 20 हजार लोग ऐसे हैं, जिनके पास 50 लाख डॉलर (करीब 36 करोड़ रुपए) या इससे अधिक की संपत्ति है. यह दुनिया में सबसे अधिक है. फिर भी यह शहर भूख की समस्या से बच नहीं पाया. कम्युनिटी फ्रिज के जरिए खाना बांट रहे. खाद्य संकट से निपटने के लिए अमेरिका में लोग अब एक-दूसरे की मदद कर रहे हैं.
सरकारी मदद में देरी की वजह से लोगों को यह कदम उठाना पड़ा. कई जगह लोगों ने कम्युनिटी फ्रिज लगाए हैं. ओवरऑल पूरे देश में ऐसे जरूरतमंद महामारी से पहले की तुलना में दोगुने हो गए हैं. वहीं, ऐसे जरूरतमंद परिवारों की संख्या, जिनमें बच्चे भी मौजूद हैं, तीन गुना बढ़ी है.
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