भोपाल। राजधानी भोपाल सहित प्रदेश भर में संचालित यात्री बसों का फीसद किराया जल्द बढ़ सकता है। अनुमान है कि बस किराये में 50 फीसदी तक बढ़ोतरी हो सकती है। किराया बोर्ड की बैठक होने के बाद से बस संचालक, निजी ट्रेवल्स एजेंसियों सहित बस यूनियनें लगातार शासन पर किराया बढ़ाने की मांग कर रही हैं। फैसला शासन के हाथ में है। पहले उपचुनाव के कारण किराया नहीं बढ़ाया गया था, लेकिन नए साल में किराया बढ़ाने की तैयारी शासन कर चुका है। यदि 50 फीसदी यात्री किराया बढ़ता है तो यात्रियों को प्रदेश भर में संचालित 35000 से अधिक यात्री बसों में सफर करने के लिए एक रूपए प्रति किलोमीटर रुपये की जगह डेढ़ रुपये प्रति किलोमीटर किराया देना होगा। मप्र प्राइम रूट बस एसोसिएशन के अध्यक्ष गोविंद शर्मा ने बताया कि साल 2018 में यात्री बसों का किराया बढ़ा था, तब से किराया नहीं बढ़ाया गया। दो सालों में डीजल के दाम बढ़ गए हैं। वहीं बसों में लगने वाले टायर सहित अन्य उपकरण महंगे हो गए हैं। कोरोना काल में मार्च 2019 से अब तक 100 फीसदी बसों का संचालन नहीं हो पा रहा है। जिन बसों का संचालन हो रहा है, उनमें कोरोना काल से पहले की अपेक्षा 30 फीसदी कम यात्री सफर कर रहे हैं। इससे बस संचालकों को प्रति बस चार से पांच हजार रुपये प्रतिदिन घाटा उठाना पड़ रहा है। किराया बोर्ड बैठक के बाद भोपाल और इंदौर में परिवहन अधिकारियों के साथ किराया बढ़ाने को लेकर बैठकें हुई हैं। शासन को अंतिम फैसला लेना है। जल्द ही यात्री किराया बढऩे की उम्मीद है। हमारी मांग है कि 50 फीसदी किराया बढ़े, तभी घाटे की भरपाई हो सकेगी। इस संबंध में परिवहन आयुक्त मुकेश कुमार जैन ने बताया कि किराया बढ़ाने का प्रस्ताव है, निर्णय शासन को लेना है।
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