हाईकोर्ट में अभी भी वीडियो कांफ्रेंसिंग से ही सुनवाई
तीन सप्ताह बाद फिलहाल 12 निर्धारित श्रेणी के ही प्रकरणों की सीमित सुनवाई
इंदौर। करीब तीन सप्ताह बाद आज से इंदौर की जिला एवं तहसील अदालतों में फिर सीमित संख्या में प्रकरणों में आमने-सामने की सुनवाई, यानी फिजिकल हियरिंग होगी, जबकि हाईकोर्ट में अभी भी सिर्फ वीडियो कांफ्रेंसिंग से ही सुनवाई हो रही है।
सूत्रों के अनुसार कोरोना के चलते करीब 8 माह तक अदालतों में फिजिकल हियरिंग, यानी नियमित सुनवाई पूरी तरह बंद रही थी और केवल वर्चुअल हियरिंग के जरिए अर्जेंट प्रकृति के मामलों की सुनवाई हो रही थी। बाद में वकीलों की मांग पर हाईकोर्ट ने 23 नवंबर 2020 से सीमित अवधि के लिए जिला व निचली अदालतों में प्रयोग के तौर पर फिजिकल हियरिंग के जरिए 11 श्रेणी के चुनिंदा प्रकरणों की सुनवाई के आदेश दिए थे, किंतु 14 दिसंबर 2020 से जिला जज ने एकाएक यह व्यवस्था भी बंद कर दी थी। अब आज से फिर फिजिकल हियरिंग शुरू होगी। इस संबंध में नवागत जिला जज दिनेशकुमार पालीवाल ने आदेश जारी कर दिए हैं। इसके तहत जिला कोर्ट व महू, सांवेर, देपालपुर व हातोद तहसीलों में अब 12 श्रेणी के प्रकरणों की सुनवाई आमने-सामने व वीडियो कांफ्रेंसिंग दोनों तरीकों से होगी। इस दौरान खासतौर पर रिमांड, जमानत, सुपुर्दनामे के अलावा मोटर एक्सीडेंट क्लेम केस, उनमें मुआवजे के भुगतान संबंधी मामले, पांच साल पुराने क्रिमिनल व सिविल मामले, किशोर न्याय बोर्ड, दत्तक ग्रहण से संबंधित प्रकरण, राजीनामे वाले मामले व अन्य जरूरी किस्म के मामलों के अलावा वे प्रकरण भी सुने जाएंगे, जिनमें सुप्रीम कोर्ट या हाईकोर्ट ने निपटारे के लिए समयसीमा तय कर रखी होगी। जिला कोर्ट व मातहत अदालतों में प्रवेश करने वाले लोगों की थर्मल स्क्रीनिंग करने के साथ प्रतिदिन न्यायालय परिसर को सेनिटाइज करने के भी निर्देश दिए गए हैं। साथ ही अदालत परिसर में गुटखा-तंबाकू व शराब पीकर प्रवेश करने वाले लोगों का भी प्रवेश प्रतिबंधित किया गया है। कोर्ट परिसर में स्थापित सभी फोटोकॉपी की दुकानें व कैंटीन भी बंद रहेंगी।
उधर, हाईकोर्ट में अभी भी वीडियो कांफ्रेंसिंग से प्रकरणों की सुनवाई होगी। वकील वहां भी आमने-सामने की सुनवाई शुरू करने की मांग कर रहे हैं। नए चीफ जस्टिस के पदभार ग्रहण के बाद अब इस संबंध में जल्दी कोई निर्णय लिए जाने की संभावना जताई जा रही है।
एडीजे व मजिस्ट्रेट कोर्ट के लिए भी प्रकरणों की संख्या तय
जिला जज ने निचली अदालतों में फिलहाल सीमित सुनवाई के आदेश दिए हैं। इसके अंर्तगत अपर सत्र न्यायालयों में रोजाना 25 से 30 प्रकरणों की सुनवाई होगी, जबकि मजिस्ट्रेट कोर्ट में 35 से 40 प्रकरणों की सुनवाई करने के निर्देश दिए हैं।
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