नगरीय विकास और आवास मंत्री बोले
इंदौर। नगरीय निकायों के चुनाव मार्च-अप्रैल तक हो जाएंगे, जिसके लिए सरकार ने तैयारी पूरी कर ली है। महापौर से लेकर नगर पालिक अध्यक्ष और वार्डों का आरक्षण भी हो चुका है और इंदौर सहित सभी 16 नगर निगमों में भाजपा की ही परिषद् बनेगी। वहीं इंदौर में मेट्रो प्रोजेक्ट की गति को बढ़ाने। अवैध कालोनियों को फिर से नया कानून बनाकर वैध करने की भी प्रक्रिया की जाएगी। वित्तीय संकट के कारण स्मार्ट सिटी मिशन के तहत निगम को 300 करोड़ रुपए की राशि राज्य शासन नहीं दे पाया है। उक्त जानकारी इंदौर आए नगरीय विकास और आवास मंत्री भूपेन्द्र सिंह ने एक चर्चा में दी। आज दोपहर वे इंदौर के आगामी-2031 के बनने वाले मास्टर प्लान की समीक्षा भी करेंगे। उनका कहना है कि इस बार का मास्टर प्लान मैदानी रहेगा।
कल दोपहर मंत्री इंदौर पहुंचे। रेसीडेंसी कोठी पर उन्होंने पार्टी के नेताओं से मुलाकात भी की और मीडिया से भी चर्चा की। आज वे कनाडिय़ा एक्सटेंशन में लाइट हाउस प्रोजेक्ट कार्यक्रम के शिलान्यास में भी शामिल हुए, जिसे प्रधानमंत्री वीडियो कान्फ्रेंस के माध्यम से संबोधित कर रहे हैं और मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान भी अपनी शिर्डी की यात्रा के बीच से इंदौर पहुंचे और दोपहर 1 बजे फिर शिर्डी के लिए रवाना होंगे। राज्यमंत्री ओपीएस भदौरिया भी इंदौर पहुंचे हैं। वहीं नगरीय विकास और आवास मंत्री भूपेन्द्र सिंह ने कहा कि इंदौर में मेट्रो प्रोजेक्ट अब गति पकड़ेगा। कोरोना संक्रमण और कुछ अन्य कारणों से यह प्रोजेक्ट कुछ महीनों तक ठप रहा, लेकिन अब सारी अड़चनें दूर हो गई है। उन्होंने गुंडों, माफियाओं और मिलावटखोरों पर चल रही कार्रवाई के संदर्भ में कहा कि यह अभियान निरंतर चलेगा और अवैध कालोनियों को भी नए सिरे से कानून बनाकर वैध करेंगे। नगरीय निकायों के चुनाव आगे बढ़ाने के सवाल पर उन्होंने कहा कि अभी कोरोना संक्रमण, वैक्सीनेशन की तैयारियां सहित अन्य महत्वपूर्ण कार्य भी थे, लेकिन नगरीय निकाय के चुनाव मार्च-अप्रैल में संभावित हैं। हमारी तैयारी पूरी हो चुकी है। वार्डों के आरक्षण से लेकर अध्यक्ष-महापौर के आरक्षण की प्रक्रिया भी राज्य शासन ने कर ली है। जिस तरह से पिछले नगरीय निकाय के चुनावों में भाजपा को एकतरफा सफलता मिली थी, उसी तरह इस बार भी भाजपा की ही परिषद् सभी नगरीय निकायों में बनेगी। इंदौर सहित 16 नगर निगमों में भाजपा की परिषद् बनी और इस बार भी महापौर का चुनाव जनता द्वारा ही किया जाएगा। वित्तीय संकट के कारण अवश्य इंदौर को स्मार्ट सिटी मिशन की राशि नहीं मिली, जो अब जल्द ही मिलना शुरू होगी।
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