भोपाल। लगता है, सरकार की सबसे निरीह कर्मचारी इस समय आंगनवाड़ी कार्यकर्ता ही हैं। शायद इसीलिए उन पर हर विभाग का काम लाद दिया जाता है। कल तक इनके पास केवल अपने क्षेत्र की आंगनवाड़ी में बच्चों को संभालना और पोषण आहार देने का काम था, लेकिन अब ऐसा नहीं रहा। शासन की विभिन्न योजनाओं के तहत गर्भवती महिलाओं की जानकारी जुटाना, टीकाकरण से लेकर चुनाव में बीएलओ का काम, कोरोना में सर्वे करने के काम भी दिए जा चुके हैं। अब नई जिम्मेदारी और दी जा रही है। इस नई जिम्मेदारी के तहत आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को हर महीने की सात तारीख को राशन दुकानों पर जाकर अन्न उत्सव के तहत राशन बंटवाना हैं। इस नई जिम्मेदारी के लिए महिला बाल विकास विभाग के जिला अधिकारियों ने हर परियोजना अधिकारी से आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं की सूची मांगी है। विभाग ने सभी परियोजना अधिकारियों को इस संबंध में निर्देश जारी किए हैं। यह सब ऊपर के अधिकारियों के निर्देश पर करना पड़ रहा है, लेकिन महिला एवं बाल विकास विभाग के निचले अधिकारियों का कहना है कि एक तरफ प्रधानमंत्री मातृवंदना योजना के लिए हर परियोजना में अधिक लक्ष्य लाद दिया। इसके लिए स्वास्थ्य विभाग हमको गर्भवती महिलाओं की जानकारी तक नहीं दे रहा है, अब ऊपर से यह नया काम आंगनवाड़ी पर लादा जा रहा है।
मानदेय में होगी कटौती
यदि कोई आंगनवाड़ी कार्यकर्ता एक केस कम करके लाती है तो उसका मानदेय काट लिया जाता है, उसे दंडित किया जाता है, लेकिन राशन दुकानें समय पर नहीं खुल रही हैं या उचित तरीके से राशन नहीं बंट रहा है तो यह देखना तो खाद्य ओर सहकारिता विभाग का काम है?
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