नई दिल्ली । इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) फाइल करने की लास्ट डेट 31 दिसंबर 2020 है. आयकर विभाग (Income tax department) के मुताबिक 28 दिसंबर तक कुल 4.37 करोड़ आईटीआर दाखिल किए गए. जबकि केवल 29 दिसंबर को शाम 6 बजे तक 10 लाख 64 हजार से ज्यादा ITR दाखिए हुए. वित्त वर्ष 2019-20 (आकलन वर्ष 2020-21) के लिए आईटीआर दाखिल करने की अंतिम तारीख 31 दिसंबर है.
केंद्र सरकार की कोशिश रही है कि टैक्स कलेक्शन को बढ़ाया जाए. इसके लिए आईटीआर फाइल करने की प्रक्रिया को लगातार आसान बनाया जा रहा है. इस बार भी लोगों से कहा जा रहा है कि आप भी घर बैठे पर आसानी से आईटीआर फाइल कर सकते हैं. आयकर विभाग लगातार आगाह कर रहा है कि आईटीआर फाइल करने के लिए अंतिम तारीख का इंतजार न करें.
दरअसल, भारत में नौकरी, कारोबार या पेशे से आमदनी वाले हर व्यक्ति के लिए इनकम टैक्स चुकाना जरूरी है. इसके लिए शर्त यह है कि आपकी आमदनी टैक्स छूट की आम सीमा 2.5 लाख रुपये से अधिक हो. क्या आपको पता है कि 130 करोड़ से ज्यादा आबादी वाले देश में कितने लोग टैक्स भरते हैं? आइए टैक्स से जुड़े कुछ रोचक पहलुओं पर नजर डालते हैं.
केवल डेढ़ लाख लोगों की आय 50 लाख से अधिक
अगस्त- 2020 में केंद्र सरकार ने पिछले 5 साल में आयकर यानी इनकम टैक्स भरने वाले लोगों का आंकड़ा जारी किया था. सरकारी आंकड़ों के मुताबिक 130 करोड़ से अधिक की आबादी वाले देश में केवल 1.5 करोड़ लोग इनकम टैक्स देते हैं. अगर कुल आबादी से इसकी तुलना की जाए तो इनकम टैक्स देने वालों की संख्या देश में सिर्फ एक फीसदी से थोड़ी अधिक है.
टैक्स देने वालों में 57% की आय 2.5 लाख रुपये से कम
वहीं 20 साल से अधिक उम्र के आयकर दाताओं की तुलना करें तो केवल 1.6 फीसदी लोग ही इनकम टैक्स देते हैं. आयकर विभाग के पिछले 5 साल के आंकड़ों के मुताबिक टैक्स देने वालों में 57% की आमदनी 2.5 लाख रुपये से कम है. वहीं, टैक्स देने वाले लोगों में केवल एक फीसदी की सालाना कमाई 50 लाख रुपये से अधिक है. यानी 130 करोड़ की आबादी में करीब डेढ़ लाख लोगों की आमदनी सालाना 50 लाख रुपये से अधिक है.
धीरे-धीरे टैक्सपेयर्स की संख्या में बढ़ोतरी
वहीं टैक्स देने वालों में 18 फीसदी लोगों की कमाई 2.5 से 5 लाख के बीच है. 5 से 10 लाख सालाना कमाई करने वाले लोगों की संख्या 17 फीसदी है. वहीं 10 से 50 लाख की सालाना कमाई वाले महज 7 फीसदी लोग हैं. वर्ष 2015-16 में देश में पैन कार्ड होल्डर्स की संख्या 30 करोड़ थी, जो अगस्त-2020 में बढ़कर करीब 51 करोड़ हो गई.
क्या है टैक्स स्लैब?
देश में 2.5 लाख रुपये की आय पर कोई टैक्स नहीं लगता. 2.5 लाख रुपये से 5 लाख रुपये तक की आय पर 5 फीसदी टैक्स का प्रावधान है. 5 लाख रुपये से 7.5 लाख रुपये की आय पर 10 फीसदी टैक्स लगता है. 7.5 लाख से 10 लाख रुपये की आय पर 15% टैक्स का प्रावधान है. 10 लाख से 12.5 लाख रुपये की आय पर 20 फीसदी वसूला जाता है. 12.5 लाख रुपये से 15 लाख रुपये की आय पर 25 फीसदी टैक्स लगेगा. 15 लाख रुपये से ज्यादा आय वालों पर 30 फीसदी टैक्स का प्रावधान है.
नई आयकर व्यवस्था के बारे में
वहीं बजट-2020 में सरकार नई आयकर व्यवस्था वैकल्पिक पेश की. करदाताओं को पुरानी व्यवस्था या नई व्यवस्था चुनने का विकल्प होगा. ढाई लाख रुपये तक की आय करमुक्त बनी रहेगी. ढाई लाख रुपये से पांच लाख रुपये तक की आय पर पांच प्रतिशत की दर से आयकर लागू होगा, लेकिन नई कर व्यवस्था में छूट के बाद 5 लाख रुपये तक की आय पर टैक्स नहीं लगेगा. क्योंकि 5 लाख रुपये तक की सालाना कमाई वाले टैक्सपेयर्स को 12,500 रुपये का रिबेट का प्रावधान है.
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